मंदिरों में आरती करते समय बजने वाले शंख की
ध्वनि आप सबने सुना ही होगा l समुंद्र और नदी के किनारे पर सम्भवतः तुमने छोटे-बड़े
शंख देखे होंगे l कुछ शंख तो इतने छोटे होते हैं कि उन्हें देखने के लिए आवर्धक
लेन्स की आवश्यकता होती है, जबकि कुछ इतने बड़े होते है कि इनकी लम्बाई चार फुट के
लगभग होती है l
क्या आप जानते है कि ये शंख क्या हैं और कैसे
बनते हैं ? वास्तव में शंख एक प्रकार के बिना रीढ़ की हड्डी वाले समुंद्री जीवों के
शरीर के कड़े खोल हैं l इन जीवों को मौल्स्क (Mollusc) कहते हैं l मौल्स्क की
60,000 से अधिक किस्मों का अध्ययन अब तक किया जा चूका है l ये शंख मौल्स्क के शरीर
के खोल होते हैं l जैसे-जैसे मौल्स्क का आकार बढ़ता है, वैसे ही वैसे यह खोल भी
मजबूत और बड़ा होता जाता है l इन शंखों का निर्माण चुने से होता है l मौलस्क जीव
समुंद्र के पानी से चुना प्राप्त करके शंख के रूप में जमा करते जाते हैं l जब
मौलस्क कि मृत्यु हो जाती है, तो शंख तैरते हुए पानी की सतह पर आ जाते हैं l शंख
के अलावा मौलस्क के खोल और भी कई प्रकार के होते हैं, जैसे सीपी, कौड़ी आदि भी कई
प्रकार के मौलस्क के खोल हैं l
मौलस्क के खोल या शंख में मुख्य रूप से तीन
परतें होती हैं l बाहर की परत सीप जैसे चिकने पदार्थ की बनी होती हिल जिसमें चुना
बिल्कुल नहीं होता l इसके निचे की दूसरी परत चुने की बनी होती है l सबसे निचली
तीसरी सतह हल्की-हल्की कई परतों का समूह होती है, जो सीप जैसे पदार्थ व चुने की
बनी होती है l शंख कई रंगों के होते है इन पर बहुत से ध्ब्बे, रंग और धारियां
मौलस्क ग्रंथियो में मौजूद कुछ रंग बिरंगे पदार्थो के कारण बन जाती हैं l इन रंगों
और धारियों से शंखों की सुन्दरता और भी बढ़ जाती है l
शंख या खोल मौलस्क जोवों कि तो रक्षा करते
हैं, साथ ही ये हमारे लिए भी बहुत उपयोगी हैं l प्राचीन काल में तो लोग शंखों और
कौड़ियों को मुद्रा के रूप में भी प्रयोग करते थे l छोटे-छोटे शंखों से गले के हर
भी बनाए जाते हैं l शंखों से घर की सजावट की चीजें भी बनाई जाती हैं l छोटी-छोटी
सीपों से बटन भी बनाये जाते हैं l खोल वाले ये समुद्री जीव लाखों-करोड़ों वर्षों से
रहते आए हैं l उनके मरने के बाद उनके ये खोल समुंद्र की तलहटी में जमा होते रहते
हैं, जिनसे चुने की ठोस चट्टानें बनी हैं l ...............
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