अधिकांश लोग यह सोचते हैं कि बांस झाड़ी या
पेड़ों के वर्ग में आता है, लेकिन वास्तव में बांस एक किस्म की घास है l यह एक बड़ी
ही दिलचस्प बनस्पति है l यदि इसे बिना रुके बढ़ने दिया जाए तो इसकी ऊंचाई 120 फुट
तक पहुंच सकती है l इसका मुख्य तना जमीन के भीतर रहता है l इसी से हवा में रहने
वाली बांस की शाखाएं निकलती हैं l
बांस की बहुत सी किस्में होती हैं l अबतक
लगभग इसकी 500 किस्मों का अध्ययन किया जा चूका है l सभी किस्म के बांस के तने चिकने
और जोड़दार होते हैं l इससे ये तने सख्त और मजबूत हो जाते हैं l सभी बांसों की बढ़ने
की गति बहुत तेज होती है l अधिकांश बांस हर साल फलते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी बांस
होते हैं, जो सौ साल में तीन चार बार ही फलते हैं l बांस हमारे लिए बहुत ही उपयोगी
है l इसके उपयोगों की गिनती करना लगभग असम्भव है l बांस का प्रयोग मकानों कि छतों,
झोंपड़ियों और दीवारों के निर्माण में होता है l इससे चटाईयां और टोकरियां बनाई
जाती हैं l जापान में माली बांसों की गांठों को हटाकर पानी के पाईप के रूप में
प्रयोग करते हैं l बांस से कागज़ बनाया जाता है l कई देशों में तो लोग हरे बांस को
सब्जी के रूप में प्रयोग करते हैं l इसे मछली पकड़ने के लिए प्रयोग में लाया जाता
है l दुश्मनों से रक्षा करने के लिए बांस कि लाठी बनाई जाती है l इस प्रकार हम
देखते हैं कि बांस जो एक प्रकार की घास है, हमारे जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी है l
बांस सबसे अधिक मात्रा में दक्षिण पूर्व
एशिया, भारतीय महाद्वीप और प्रशांत महासागर के द्वीपों पर पाए जाते हैं l
कुछ जाति के बांसों की कच्ची कोंपलों में एक
विष होता है, जो शीघ्र ही गैस में परिवर्तित हो जाता है l इसी प्रकार कुछ बांसों
की शाखाओं में सिलका होता है l इन शाखाओं के टुकड़े काटकर दवाइयां बनाने के काम में
लेट हैं l ..............
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