बुधवार, 5 अप्रैल 2023

Mars Planet / मंगल गृह


मंगल ग्रह सौरमंडल में सूर्य की ओर से चउथा ग्रह है। इसके तल की आभा रक्तिम है । पृथ्वी कि तरह मंगल का भी रचना चट्टान वाला पदार्थन से हुआ है, इसी करन से इसे लाल ग्रह के नाम से जाना जाता है। सौरमंडल में दो तरह ग्रह हैं स्थलीय और गैसीय ग्रह। स्थलीय ग्रह जिनका तल आभासीय है और गैसीय ग्रह जो अधिकतर गैस से निर्मित होते हैं। मंगल, पृथ्वी की तरह ही स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों की याद दिलाती है। मंगल, पृथ्वी के समान ही दिखता हैं। मंगल ग्रह पर जीवन होने की संभावना हमेशा से चर्चा का विषय बना हुआ हैं । सौरमंडल  के सभी ग्रहों में पृथ्वी के अलावा, मंगल को जीवन विस्तार का महत्वपूर्ण विकल्प माना जाता है।

दिन की आधार पर देखल जाय तो मंगल का एक दिन पृथ्वी से थोडा सा बड़ा होता है लेकिन मंगल का एक साल, सूर्य का एक चक्कर लगाने में 687 दिन लगता है । मंगल गृह का सूर्य से दुरी 227.9 (million km) हैं l

मंगल के दो प्राकृतिक उपग्रह है जिनका नाम फोबोस और डिमोज़ रखा गया है। जो छोटे और अनियमित आकार के हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि यह ५२६१ यूरेका के समान, क्षुद्र ग्रह है जो मंगल के गुरुत्व के कारण यहाँ फंस गये होंगे। मंगल को पृथ्वी से नंगी आँखों से देखा जा सकता है। वर्तमान में मंगल ग्रह की परिक्रमा तीन कार्यशील अंतरिक्ष यान मार्स ओडिसी, मार्स एक्सप्रेस और टोही मार्स ओबिर्टर है, यह सौर मंडल में पृथ्वी को छोड़कर किसी भी अन्य ग्रह से अधिक है। मंगल पर दो रोवर्स स्पिरिट और  ओप्रुच्युनिटी हैं ।

नासा के मार्स ग्लोबल सवेर्यर की खोजों द्वारा इस बात के प्रमाण मिले हैं कि दक्षिणी ध्रुवीय बर्फीली चोटियाँ घट रही हैं। नासा ने २०२० में में  परसेवरेन्स रोवर मंगल पर भेजा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा पृथ्वी के पड़ोसी ग्रह मंगल पर भेजे गए 'क्यूरोसिटी' रोवर ने वहां से एक चौंकाने वाली तस्वीर भेजी है । इस तस्वीर में मंगल ग्रह के कठोर चट्टानों में बड़ी सुघड़ता से काटे गए गुफा का एक मुहाना सा दिख रहा है । दरवाज़े जैसी इस आकृति को लेकर पिछले कुछ दिनों से कई सवाल उठ रहे हैं । कइयों ने इसे दरवाज़े जैसी आकृति बताई है, तो कइयों ने कहा कि पृथ्वी कि तरह किसी दूसरी सभ्यता के लोगों ने इस 'रास्ते' को बनाया होगा । नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी यानी जेपीएल के वैज्ञानिकों ने बताया है कि इस दरार का आकार बहुत छोटा यानी 45 सेंटीमीटर लंबा और 30 सेंटीमीटर चौड़ा है ।

 

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