दुनिया में साँपों
की कोई 2500 – 3000 प्रजातियाँ पाई जाती हैं l जिनमे से भारत में जहरीला सर्पो की 69 प्रजाति है जिनमे से 29
समुद्री सर्प तथा 40 स्थलीय सर्प है इसकी कुछ
प्रजातियों का आकार 10 सेंटीमीटर होता हैं जबकि अजगर नामक साँप 25 फिट तक लम्बा होता है। साँप मेढक, छिपकली, पक्षी, चूहे तथा दूसरे साँपों को खाता है।
यह कभी-कभी बड़े जन्तुओं को भी निगल जाता है।
यह जल तथा थल दोनों जगह पाया जाता है।
इसका शरीर लम्बी रस्सी के समान होता है जो पूरे स्केल्स से ढँका रहता है। साँप के पैर नहीं होते हैं। यह निचले भाग में उपस्थित घड़ारियों की सहायता से चलता फिरता है। सांपों के स्पष्टतः कान भी नहीं होते, बल्कि इनमें आंतरिक ध्वनि-तंत्र होता है। इनमें कान के पर्दे कि बजाय एक बेहद छोटी आंतरिक हड्डी होती है, जो बेहद संवेदनशील होती है। पहले ध्वनि भूमि द्वारा त्वचा ग्रहण करती है और फिर धमनियों द्वारा मस्तिष्क के पास कि हड्डी तक पहुँचती है। जब हवा से ध्वनि आती है, तो मस्तिष्क के कंकाल में कंपन होने से आवाज सुनाई देती है। इसकी आँखों में पलकें नहीं होती, ये हमेशा खुली रहती हैं। साँप विषैले तथा विषहीन दोनों प्रकार के होते हैं। साँप को एक बेहद ज़हरीला, विषैला तथा ख़तरनाक जीव माना जाता हैं जिसके
काटने से तुरंत ही मृत्यो हो जाती हैं लोग साँप का नाम सुनते ही डर जाते हैं जब कि
ऐसा नहीं हैं l कुछ ही साँप ज़हरीले होते हैं l दुनियाँ में चार सबसे ज़हरीले साँपो
के नाम :-
1. Elapid Snakes
2. Viperidae Snakes
3. Colubrid Snakes
4. Hydrophiidae Snakes
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