शुक्रवार, 17 जनवरी 2014

Plastic Surgery / प्लास्टिक सुर्जरी

     प्लास्टिक सुर्जरी त्वचा से सम्बंधित एक सेसी शल्य-किया है, जिसके द्धारा पैदायशी अंग-दोष या दुर्धटना में विकृत हुए अंगों को ठीक किया जा सकता है l इसके द्धारा चेहरे के बदसूरत दाग दूर किए जा सकते हैं l जल जाने, काट जाने या चेचक निकलने से पैदा हुई त्वचा की बदसूरती को दूर किया जा सकता है l कभी-कभी ऐसा होता है कि जन्म के समय किसी बच्चे का ऊपर का होंठ कटा हुआ होता है l प्लास्टिक सुर्जरी से होंठ की त्वचा को इस प्रकार जोड़ा जा सकता है, जैसे उसमें कोई दोष ही न था l
     केवल सौंदर्य के लिए की जाने वाली प्लास्टिक सुर्जरी को कास्मेटिक सर्जरी या व्यूटी सर्जरी कहते हैं l इसके द्धारा चेचक के दाग ठीक किए जा सकते हैं l चेहरे की झुर्रियां दूर की जा सकती हैं l स्तनों का आकार ठीक किया जा सकता है l इसके साथ ही इसका उपयोग पलकों की मोटाई को कम करने, मोटे होठों को पतला करने, ठोड़ी और नाक का आकार सुधारने में किया जाता है l
     भारत में हजारों वर्ष पहले भी प्लास्टिक सुर्जरी प्रचलित थी l प्राचीन काल में जब कोई व्यक्ति अपराध करता था, तो उसकी नाक काट ली जाती थी l उस समय भी ऐसे प्लास्टिक सुर्जरी थे, जो गालों पर से त्वचा लेकर नयी नाक का निर्माण कर देते थे l आधुनिक प्लास्टिक सुर्जरी की शुरुआत अमरीका में 19 वीं शताव्दी में हुई l
     क्या आप जानते है कि प्लास्टिक सुर्जरी कैसे की जाती है ? प्लास्टिक सुर्जरी से शरीर की त्वचा की आवश्यकता होती है l त्वचा के एक निश्चित माप के आकार को शरीर के स्वस्थ स्थान से काट लिया जाता है और उसे प्रभावित स्थान पर आरोपित कर दिया जाता है l प्लास्टिक सुर्जरी से त्वचा की केवल दो परतें ही ली जाती हैं, क्योंकि नये स्थान पर इन परतों मे जीवित रहने की अधिक क्षमता होती है l

     आजकल लगभग हर बड़े शहर में सरकारी हस्पतालों और प्राइवेट क्लीनिकों में प्लास्टिक सुर्जरी की सुविधाएं उपलव्ध हैं l केवल सौंदर्य बढ़ाने के लिए ही इन क्लीनिकों में सैकड़ों आपरेशन रोज किए जाते हैं l .............

1 टिप्पणी:

AYURVEDA / आयुर्वेद

  आयुर्वेद भारतीय उपमहाद्वीप में ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद का सिद्धांत और व्यवहार छद्म वैज्ञानिक है। भ...