शनिवार, 18 जनवरी 2014

why don't animals talk like us / जानवर क्यों हमारी तरह बात नहीं करते

     अक्सर बच्चों की कहानियों में जानवरों को मनुष्यों की तरह बोलते हुए दिखाया जाता है, लेकिन सच यह है कि जानवर हमारी तरह बोलते नहीं हैं l समस्त जीवित प्राणियों में मानव वर्ग ही ऐसा है, जो शव्दों की सहायता से अपने बिचारों को एक दुसरे तक पहुंचाता है, यह तो सत्य है कि जानवर हमारी तरह एक दुसरे से बातें नहीं करते, लेकिन वे कुछ इशारों और आवाजों के द्धारा अपने सुख-दुख, भय आदि को व्यक्त करते हैं l तुमने देखा होगा कि चिड़ियों के समूह के पास से जब कोई बिल्ली गुजरती है, तो सभी चिड़िया जोर-जोर से चूं-चूं करने लगती हैं और बिल्ली द्धारा पकडे जाने के खतरे को चीं-चीं की आवाज से प्रदर्शित करती हैं l इसी प्रकार कुत्ता भोंककर अपना क्रोध प्रकट करता है और पूंछ हिलाकर खुशामद जाहिर करता है l बन्दर भी अपना गुस्सा बड़ी बिचित्र आवाज द्धारा प्रदर्शित करता है l

     क्या आप जानते है कि जानवर हमारी तरह बात क्यों नहीं कर पते हैं ? इसका कारण यह है कि जानवरों का मस्तिष्क मनुष्य की अपेक्षा बहुत कम विकसित होता है l जानवरों के मान में भाव तो आते हैं, लेकिन उन्हें स्पर्ष्ट करने के लिए उनके पास शव्द नहीं होते, इसीलिए वे उन विचारों को भाषा के रूप में प्रकट नहीं कर पाते l वे केवल इन विचारो को इशारों और आवाजो द्धारा ही प्रकट करते हैं l लेकिन यह निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि उनके पास भावनाएं होती हैं l ये भावनाएं प्रेम, क्रोध, वात्सल्य, शत्रुता, हिंसा आदि को स्पर्ष्ट रूप से प्रदर्शित करती हैं l भूख, प्यास या रक्षात्मक आवश्यकताओं को भी व्यक्त करने की उनकी अपनी भाषा होती है l यह भाषा मूक होती है, लेकिन उन्क्के बिच संदेशों का आदान-प्रदान बिना रोक-टोक के होता रहता है l यों तो हम आज भी अपनी आरी बातें भाषा से प्रकट नहीं करते, कुछ बाते इशारों से भी प्रकट करते हैं l हम बहुत सी बातों का उत्तर ‘हा’ या ‘न’ में न देकर केवल सर हिलाकर या हाथ के इशारे से देते हैं l अत: जानवरों के विषय में कहा जा सकता है कि उनका मस्तिष्क कम विकसित है, जिसके कारण वे बात करने के लिए किसी भाषा या शब्दों का विकास नहीं कर पाये हैं, तभी तो वे हमारी तरह बात नहीं कर पाते हैं l .............

1 टिप्पणी:

AYURVEDA / आयुर्वेद

  आयुर्वेद भारतीय उपमहाद्वीप में ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद का सिद्धांत और व्यवहार छद्म वैज्ञानिक है। भ...