मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

Earthquake / भूकम्प

     कभी-कभी रेडियो, टेलिविज़न और समाचार पत्रों से सूचना प्राप्त होती है कि अमुक स्थान पर भूकम्प का झटका महसूस हुआ l इन ख़बरों में आए हुए भूकम्प की अवधि तथा होने वाले नुकसान का व्योरा होता हैं l भूकम्प आने पर धरती हिलने लगती है l धरती की यह कम्पन कभी-कभी इतनी साधारण होती है कि हमें उसका पता तक नहीं चल पता और कभी-कभी इतनी विकराल होती है कि इसके कारण जमीन फट जाती है, इमारतें गिर जाती हैं और बहुत से लोग मर जाते हैं l धरती के इस हिलने या कम्पन को ही भूचाल या भूकम्प कहते हैं l क्या आप जानते है कि भूकम्प क्यों आते हैं ?
     हम जानते हैं कि पृथ्वी की सतह विभिन्न प्रकार की उंची, नीची चट्टानों से बनी है l पृथ्वी की भीतरी उथल-पुथल के कारण या असमान दबाव के कारण इन चट्टानों में विकृति पैदा हो जाती है l अधिक दबाव के कारण चट्टानों की परतें अचानक टूट जाती हैं l टूटकर ये चट्टानें या तो धरती के अन्दर धंस जाती हैं या ऊपर की और उठ जाती हैं l जिस स्थान पर ऐसा चट्टानी परिवर्तन होता है, उस स्थान पर पृथ्वी की पपड़ी को एक जोरदार धक्का लगता है l इसी धक्के के कारण पृथ्वी कंप उठती है l यही कम्पन धरती की सतह में होती हुई आगे बढती है l जिस स्थान तक इन कम्पनों को महसूस किया जाता है, उस स्थान तक धरती का क्षेत्र भूकम्प ग्रस्त हो जाता है, जिसके फलस्वरूप इमारतें गिर जाती हैं और लोग मर जाते हैं l जिस स्थान पर भूकम्प की उत्पति होती है, उस स्थान को भूकम्प केंद्र कहते हैं l
     धरती की सतह के कुछ ऐसे स्थान हैं, जहां पर अक्सर भूकम्प आते रहते हैं l जापान में सबसे अधिक भूचाल आते हैं l यहां का भूपृष्ठ सब जगह एक सा नहीं है l इसीलिए यहां भूकम्प अधिक संख्या में आते हैं l
     1906 में उतरी अमेरिका के सेन फ्रांसिसको में एक बहुत बड़ा भूकम्प आया था, जिसमे 700 लोग मरे गए थे और करोड़ों रूपए की सम्पति का नुकसान हुआ था, फरवरी 1971 में ऐसा ही एक भूकम्प लौस एंजेल्स (Los Angeles) में आया था, जिसमें करोड़ो रूपए का नुकसान हो गया था l 1775 में पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन (Lisbon) में एक भूकम्प के कारण 6 मिनट में साठ हज़ार से अधिक मनुष्य इस भूकम्प की भेंट चढ़ गए l पर्वत श्रंखलाओं के शिखर टूट टूटकर घाटियों में लुढ़क पड़े l भूकम्प के दर से अनेकों नर नारियों ने समुंद्र तट पर संगमरमर के बने एक चौड़े घाट पर शरण ली l किन्तु क्षणभर में यह विशाल घाट पानी में इस प्रकार गायब हो गया कि एक भी शव तैरता हुआ दिखाई न दिया l
चीन के क्रांसू प्रान्त में 1920 में आए भूकम्प से 300 वर्गमील क्षेत्र प्रभावित हुआ था और दो लाख लोगों की मृत्यु हो गई थी l 1923 में जापान में आए हुए एक भूकम्प में विध्वंस के साथ-साथ एक लाख से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई थी l

भूकम्पों का अध्ययन करने के लिए वैज्ञानिकों ने एक यंत्र विकसित किया है, जिसे भूकम्प मापी (Seismograph) कहते हैं l इस यंत्र में भूकम्प तरंगों का लेखा-जोखा करने का प्रबन्ध होता है l भूकम्प का अध्ययन करने के लिए यंत्रों को संसार के विभिन्न भागों में लगा दिया गया है, जो लगातार भूकम्प कंपनों को रिकार्ड करते रहे हैं l ...........  

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