सोमवार, 30 दिसंबर 2013

Rivers / नदिया

     रिवर (River) शव्द की उत्पति लैटिन भाषा के रिप (Ripa) शव्द से हुई है, जिसका अर्थ है – किनारा प्राचीन काल में पानी की उस धरा को, जिनके किनारे होते थे, रिवर कहा जाता था l लेकिन आधुनिक परिभाषा के अनुसार पानी की बहती विशाल धाराओं को, जिनके किनारे बदलते रहते हैं, नदी कहा जाता है l पानी की छोटी-छोटी बहती धाराओं को नाला (Brook) कहा जाता है l क्या आप जानते है कि नदियों का जन्म कैसे हुआ ?
     सृष्टि (Creation) के आरम्भ काल में जब धरती पर पहाड़ों और समुन्द्रों का निर्माण हो चूका था, तब लगातार वर्षा होती रहती थी l वर्षा का यह पानी पहाड़ों पर से टेढ़े-मेधे राष्टों से गुजरता हुआ समुन्द्रों में जा मिलता था l लगातार बहते पानी के कारण ये रश्ते गहरे और चौढ़े होते चले गए l पानी की धरा के कारण इनका रूप परिवर्तित होता गया l इन्हीं धाराओं को नदी का नाम दिया गया l
     जैसे-जैसे समय बीतता गया, नदियों का रूप भी बदलता गया l संसार की अधिकतर नदियां पहाड़ों से ही निकलती हैं l इन्हें बहने वाला पानी पहाड़ों की चोटियों पर जमी बर्फ के पिघलने के कारण होता है l नदियों में वर्षा का पानी भी मिलता रहता है l
     कुछ नदियों का जन्म पहाड़ों पर जमी बर्फ के पिघलने के कारण होता है l नदियों में वर्षा का पानी भी मिलता जाता है l कुछ नदियों का जन्म पहाड़ों पर जमी बर्फ से बने ग्लेशियरों के खिसकने से भी हुआ है l ग्लेशियर जब गतिशील हो जाता है, तो अपने रश्ते में आने वाले ऊबर-खाबड़ जमीं के हिस्सों को समतल करता जाता है l कुछ समय बाद बर्फ के पिघलने से नदियां इन्हीं घाटियों से होकर बहने लगती हैं l इसके आलावा कुछ नदियों के स्रोत (Sources) झरने और झीले भी हो सकती हैं l
     स्रोत के निकट नदी धीरे-धीरे बहती रहती है l जिन-जिन स्थानों पर नदी अपने द्धारा ली गई मिट्टी चोर जाती है, वे स्थान बहुत उपजाऊ हो जाते हैं l अधिकांश उपजाऊ मैदान बड़ी-बड़ी नदियों द्धारा ली गई मिट्टी से ही बने हैं l

     प्राचीन काल में जब यातायात के साधन नहीं थे, तब नदियों द्धारा ही नावों की सहायता से सामान को एक स्थान से दुसरे स्थान तक भेजा जाता था l आज भी नदियों का महत्व कम नहीं हुआ है l नदियों में नावें और स्टीमर भी चलते हैं l बांध बना कर नदियों के पानी की इकट्ठा किया जाता है, बांध के पानी को ऊंचाई से गिराकर बिजली पैदा की जाती है l इसी पानी को खेतों की सिंचाई के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है l ..............

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