शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

Moon is the only satellite of the earth / पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह ‘चन्द्रमा’

पहले लोग चन्द्रमा को देवता मानकर उसकी पूजा करते रहे हैं l कवी इसे सुन्दरता का प्रतिक मानते रहे हैं l इस पर दिखने वाले काले धब्बों को तरह-तरह की कहानियों से जोड़ा जाता रहा है l लेकिन आज ये सब कल्पनाएं समाप्त हो गई हैं l चन्द्रमा एक आकाशीय पिंड है l यह हमारी पृथ्वी का एक मात्रा उपग्रह है l यह सतत रूप से हमारी पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है l इसका अपना कोई प्रकाश नहीं है l यह सूर्य के प्रकाश से चमकता है l यह एकमात्र ऐसा उपग्रह है, जिसके ऊपर मानव के चरण पड़े हैं l 20 जुलाई 1969 को अपोलो -11 की उड़ान में नील आर्मस्ट्रांग नामक अमेरिकी वैज्ञानिक सर्वप्रथम चन्द्र के धरातल पर उतरने में सफल हुआ और इसके विषय में अनेकों अनजाने रहस्यों का पता लगाया l इसी उड़ान में चन्द्रमा की सतह पर एक रिट्रो परावर्तक (Retro Reflector) लगाया गया l पृथ्वी से लेसर (Laser) किरणें भेजी गईं, जो इस परावर्तक से परावर्तित हुई और उन्हें धरती पर पुनः प्राप्त करके, चन्द्रमा की दुरी सही सही मापी गई l इस दुरी में छ: इंच से अधिक की त्रुटी नहीं है l यह दुरी 3,84,400 कि.मी. (2,38,860 मील) है l
चन्द्रमा गेंद के आकार का एक ठोस गोल पिंड है l पृथ्वी के चारों और यह अपनी परिक्रमा अंडाकार पथ में 29 दिन 12 घंटे 43 मिनट में पूरी करती है l इस समय को हम एक चंद्रमास कहते हैं l हमें हमेशा चन्द्रमा की एक ही सतह दिखाई पड़ती है, क्योंकि इसका अपनी धुरी पर घुमने का समय और पृथ्वी के चारों और परिक्रमा का समय लगभग बराबर है l
चन्द्रमा सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है l सूर्य से पड़ने वाले प्रकाश का 10% प्रकाश, इसकी सतह से परावर्तित हो जाता है और शेष इसके द्धारा अवशोषित हो जाता है l दोपहर के समय इसकी सतह का तापमान लगभग 130 डिग्री से होता है, जबकि रात को यह काफी ठंडी हो जाती है l जब पूरा चन्द्रमा चमकता है, तो इसकी चमक आधे चन्द्रमा से दस गुनी होती है l चन्द्रमा की सतह उबड़-खाबड़ है l यहां पहाड़, घाटियां और काले-काले सपाट भाग हैं l यह काले भाग ही चन्द्रमा के कलंक के रूप में दिखाई पड़ते हैं l इस पर पहाड़, चट्टनें और काफी बड़े-बड़े गड्ढे हैं l इसकी सतह पर राख के ढेर हैं, जो उलकपातों के कारण हो गए हैं l सबसे बड़े गड्ढे का व्यास 232 कि.मी. (145 मील) है और यह 3657 मीटर (12000 फुट) गहरा है l चन्द्रमा की सतह से लिए गए चट्टानों के नमूनों के अध्ययन से पता चला है कि इनमे एल्युमिनियम, लोहा, मैग्नीशियम आदि धातुएं हैं l इसकी सतह पर सिलिकेट भी है l चन्द्रमा पर वायु और पानी नहीं है, इसलिए वहां पर जीवन का कोई भी चिन्ह नहीं है l

पृथ्वी से चन्द्रमा की ओसत दुरी 2,38,860 मील है l यह दुरी इसकी अंडाकार कक्षा के कारण थोड़ी सी बदलती रहती है l चन्द्रमा का व्यास 3476 कि.मी. (2160 मील) है l इसकी अपनी धुरी पर घुमने की गति 2287 मील प्रति घंटा है l इसे अपनी धुरी पर एक चक्कर लगाने में 27 1/3 दिन का समय लगता है l इसका भर पृथ्वी के भार का 1/81.3 वां हिस्सा है l इसका आयतन पृथ्वी के आयतन का 1/49 वां भाग है l चन्द्रमा का गुरुत्व बल (Gravitational force) पृथ्वी के गुरुत्व बल का लगभग छठा हिस्सा है l यही कारण है कि यदि धरती पर हम 1 मीटर उंचा कूद सकते हैं तो चन्द्रमा पर 6 मीटर उंचा कूद सकते हैं l इसी प्रकार यदि धरती पर हम 50 किलो वज़न उठा सकते हैं तो चन्द्रमा पर 300 किलो वज़न उठा लेंगे l चन्द्रमा के विषय में अधिक से अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए वैज्ञानिक सतत प्रयास कर रहे हैं l ...............    

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