प्लास्टिक शव्द की उत्पत्ति ग्रीक भाषा के
प्लास्तिकोज़ शव्द से हुई है, जिसका अर्थ है बनाना l प्लास्टिक ऐसा कृत्रिम पदार्थ
है, जिसे आसानी से मोड़ा जा सकता है l यह सरल कार्बनिक और रासायानिक पदार्थों के
मिलाने से बनता है l प्लास्टिक कई प्रकार का होता है l आजकल पारदर्शी से लेकर लगभग
सभी रंगों के प्लास्टिक का निर्माण होने लगा है l प्लास्टिक का आविष्कार सन 1862
में इंगलैंड के अलेक्जैन्दर पार्केस (Alexander Parkes) ने किया था l उन्हीं के
नाम पर उन दिनों प्लास्टिक का नाम पार्केजाइन (Perkesine) था l वास्तव में यह
प्लास्टिक नाइट्रोसेल्यूलोस (Nitrocellulose) से बनाया था, जिसको तेल और कपूर
मिलाकर मुलायम बना दिया गया था l
सबसे पहले व्यावसायिक पैमाने पर प्लास्टिक का
निर्माण 1910 में लियो हेंड्रिक बैक्लैंड (Leo Hendrick Backeland) ने किया था l
इन्होंने फीनोल (Phenol) और फॉर्मलडीहाइड (Formaldehyde) से प्लास्टिक बनाया था l
इसके बाद प्लास्टिक के उत्पादन के नये-नये तरीकों का विकास किया गया l आज ऐसे बहुत
से पदार्थ ढूंढे गए हैं, जिनसे भांति-भांति के प्लास्टिक बनाए जाते हैं l
प्लास्टिक हमारे लिए इतना उपयोगी सिद्ध हुआ है
कि आज वह हमारे जीवन का एक अंग बन गया है l इसके उपयोगों का जितना वर्णन किया जाए
उतना ही थोड़ा है l पारदर्शी प्लास्टिक से लेंस और वायुयानों की खिडकियां बनाई जाती
हैं l पौलिथिन बैग जिसका इस्तेमाल हर क्षेत्र में किया जाता है, प्लास्टिक का ही
एक रूप है l घर में काम आने वाली वस्तुएं जैसे वाल्टी, प्याले, ब्रुश, कंघा,
टोकरी, रेडियो और ट्रांजिस्टर के कैविनेट, चाय छानने की छलनी, आदि सभी चीजें
प्लास्टिक से बनने लगी हैं l प्लास्टिक से बने खिलोने और खेलों का समान आजकल सभी
जगह मिलते हैं l टेरेलीन के कपड़ों का धागा प्लास्टिक से ही बनाया जाता है l आज
वैज्ञानिकों ने ऊष्मा अवरोधक (Heat Insulator) प्लास्टिकों का निर्माण कर लिया है
l फोम से बने गछे रेल, मोटरगाड़ियों और हवाई जहाजों की सीटें भी प्लास्टिक द्धारा
बनने लगी हैं l अब तो शल्य चकित्सा में भी प्लास्टिक का प्रयोग होने लगा है l आज
जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं है, जिससे प्लास्टिक प्रयोग में न लाया जा रहा हो
l ...............
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें