रविवार, 20 अक्टूबर 2013

Pearl / मोती

     सच्चा मोती बहुत कीमती होता है l तुम्हेँ यह जानकर आश्चर्य होगा कि मोती समुंद्र में रहने वाले एक छोटे से जिव द्वारा बनाये जाते हैं l इस जीव को घोंघा (Oyster) कहते हैं l यह जीव जमीन पर भी सरक सकता है l इस जीव के साथ सबसे बड़ी मुसीबत यह है कि समुंद्र में इसे बड़ी मछलियां या इसके ही परिवार के बड़े सदस्य खा जाते हैं l जान बचने के लिए जब यह धरती पर आता है, तो मनुष्य इसे खा जाता है l अपनी जान बचाने के लिए यह अपने शरीर के ऊपर एक कड़े खोल का निर्माण करता है, जिसे सीप कहते हैं l इस सीप के अंदर ही यह मोती का निर्माण करता है l
     मोती कि खोज कि कहानी भी बड़ी दिलचस्प है l लगभग चार हज़ार वर्ष पहले एक चीनी आदमी भूखं से बहुत पीड़ित था l अपनी भूख शांत करने के लिए उसने कुछ सीपियों को खोला कि शायद इसमें कुछ खाने कि चीजे मिल जाएं l एक सीप के अंदर से एक गोल चमकदार चीज़ निकली l इसी चमकदार वस्तु को मोती कहा जाने लगा l
     क्या आप जानते है कि घोंघा मोती का निर्माण कैसे करता है ? घोंघे कि सीप में जब कोई बालू का कण अंदर चला जाता है, तो घोंघा इस कण पर सीप के पदार्थ कि परत पर परत चढाए चला जाता है l यह परत कैल्शियम कार्बोनेट (Calcium Carbonate) कि होती है l कुछ समय में सीप के अंदर मोती बन जाता है, जो गोल सफेद और चमकदार होता है इसी को सच्चा मोती कहते हैं l यह आवश्यक नहीं कि मोती सफेद ही हों l इसका रंग कला और गुलाबी भी हो सकता है l अब तो मनुष्य ने मोती बनाने के कुछ कृत्रिम तरीकों का भी विकास कर लिया है l इस तरीके में वे सीप के अंदर बालू के कण प्रवेश करा देते हैं l दो या तीन साल बाद जब खोल को पानी के बाहर निकाल कर देखा जाता है, तो उसके अंदर मोती मिलता है l इन मोतियों को कल्चर्ड (Cultured) मोती कहते हैं l जापान में सुन्दर मोती बहुत कीमती होते हैं, अत: हम आमतौर पर इनहीं कृत्रिम बिधि से बनाये गये मोतियों को खरीदते हैं 7 मई 1934 को फिलिपीन्स में एक ऐसा मोती पाया गया था, जो साढ़े नौ इंच लंबा व साढ़े पांच इंच व्यास का था l मोती का बज़न लगभग 7 कि. ग्रा. था l …………..

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