मंगलवार, 8 अक्टूबर 2013

Marine Earthquake / समुंद्री भूकम्प

            जिस प्रकार धरती कि सतह पर भूकम्प आते हैं और ज्वालामुखी फटते हैं , उसी प्रकार समुंद्र ताल में भी भूकम्प आते हैं और ज्वालामुखी फटते है l जिस प्रकार पृथ्वी कि सतह के अंदर कि उथल-पुथल के कारण ज्वालामुखी फटते हैं और भूकम्प आते हैं , ठीक उसी प्रकार समुंद्र की तलहटी के निचे होने वाली उथल-पुथल से ज्वालामुखी फटते हैं और भूकम्प आते हैं l समुंद्र तल में आने वाले भूकम्पों के कारण पानी में कंपन हो जाता है l इस कंपन के फलस्वरूप एक प्रकार कि तरंगे उत्पन्न होकर ध्वनि के वेग से पानी में चलने लगती हैं l यदि कोई जहाज इन कंपन के क्षेत्र में आ जाए तो ऐसा लगता हैं कि मानो वह किसी चट्टान से टकरा गया हो l भूकम्प के कारण समुंद्र कि तलहटी फटकर खिसक जाती है l इसका परिणाम यह होता है कि समुंद्र के पानी कि सतह पर ज्वारीय लहरें पैदा हो जाती हैं l इन लहरों में समुंद्र कि सतह का पानी कही बहुत ऊपर उठ जाता है तो कहीं बहुत निचे गिर जाता है l ये ज्वारीय लहरें बड़े तेज वेग के साथ समुंद्र के पानी पर पर चलती हैं l ये तरंगें सामान्य तरंगों से बिलकुल भिन्न होती हैं l
     सन् 1946 में एल्यूशियन (Aleution) द्वीप श्रृंखला के पास समुंद्र तल में एक बहुत बड़ा भूकम्प आया था l इसकी बहुत बड़ी-बड़ी लहरें पांच घंटे में 3200 कि.मी. (2000 मील) की यात्रा पूरी करके हवाई द्वीप समूह (Hawaii Islands) तक जा पहुंची l वहां इन लहरों ने मकानों और लहरों को उखाड़ फेंका l इसमें लगभग 170 लोग मारे गए l इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि भूकम्पों के फलस्वरूप पैदा हुई जवारिया (Tidal) लहरें कितनी खतरनाक और विध्वंसक होती हैं l
इसी प्रकार 27 अगस्त सन् 1883 को डच ईस्ट इंडीज (Dutch East Indies) के क्रैकाटोआ (krakatoa) द्वीप में एक बहुत बड़ा ज्वालामुखी फटा l इसके परिणाम स्वरुप इसकी सतह के पानी पर सौ फुट से भी अधिक ऊंचाई कि ज्वारीय लहरें पैदा पर सौ फुट से भी अधिक ऊंचाई कि ज्वारीय लहरें पैदा हो गईं l इन लहरों में सैकड़ों गांव बह गए l ये लहरें 1120 कि.मी. (700 मिल) प्रति घंटे के वेग से आस्ट्रेलिया व अमेरिका के तटों पर जा पहुँचीं , जो वहां से हज़ारों मिल दूर है l
इन सब घटनाओं से पता चलता है कि समुंद्र तल में बड़े भयानक भूकम्प आते हैं और ज्वालामुखी फटते हैं l जिनके कारण समुंद्र के पानी कि सतह पर विनाशकारी ज्वारीय तरंगों पैदा हो जाती हैं l .........

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