सभी लोग जानते है कि समुंद्र का पानी खारा
होता है l इसका मतलब समुंद्र के पानी में नमक होता है l समुंद्र के एक गैलन पानी
में लगभग एक सौ पन्द्रह ग्राम नमक होता है अर्थात् तीन से साढ़े तीन प्रतिशत तक नमक
होता है l खुले समुन्द्रों की तुलना में भूमध्य सागर और लाल सागर जैसे बंद
समुन्द्रों के पानी में नमक की मात्रा अधिक होती है l 340 वर्ग कि.मी.में फैले मृत
सागर में ग्यारह अरब साठ करोड़ टन नमक होने का अनुमान है l यदि धरती से सारे
समुन्द्रों को सुखाकर उनसे प्राप्त नमक को जमा किया जाए , तो उससे 288 कि.मी. (180
मील) ऊंची और 106 कि.मी. (1 मील) चौडी ऐसी दिवार बनाई जा सकती है , जो भूमध्य रेखा
पर पुरे गोलाध्दॅ में पृथ्वी का एक घेरा बना सकती है l नमक की यह मात्रा पुरे
योरूप महाद्वीप के भार की तुलना में 15 गुना अधिक होगा l
क्या तुम जानते हो कि यह नमक समुंद्र के पानी
में कहां से आता है ? इस प्रश्न का उत्तर अभी तक वैज्ञानिकों को पुरी तरह से मालूम
नहीं है l लेकिन इसकी उपसिथति का व्योरा इस प्रकार है l हम जानते हैं l कि नमक
पानी में धुलान्शील है l धरती की सतह पर अन्य खनिजों के साथ नमक भी होता है l जब
बरसात होती है , तो धरती कि सतह का नमक पानी में धुलकर नदियों में चला जाता है l
जब ये नदियाँ समुंद्र में मिलती हैं तो यह नमक समुंद्र में ही रह जाता है l यह भाप
वर्षा के रूप मे धरती पर गिरती है और फिर धरती के खनिजों को घोल के रूप में
समुंद्र तक ले जाती है l समुंद्र से पानी का तो वास्पीकरण होता रहता है , लेकिन
नमक वहीं जमा होता चला जाता है और इस प्रकार नमक कि मात्रा समुंद्र के पानी में
बढती जाती है l इस प्रकार हज़ारों लाखोँ वर्षों से यही क्रिया लगातार हो रही है ,
जिसके फलस्वरूप समुंद्र का पानी खारा हो गया है l
प्रतिदिन प्रयोग में आने वाला नमक समुद्रों
से या खारी झील के पानी से भी बनाया जाता है , किन्तु एक प्रकार का नमक चट्टानों
से भी प्राप्त किया जाता है l यदि समुंद्र में नमक ना होता , तो सायद हमें नमक
जैसीं महत्वपूणॅ चीज ना मिल पाती l..........
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