कंगारू आस्ट्रेलिया में पाया जाने वाला एक विचित्र जानवर है l इसीलिए आस्ट्रेलिया
को कंगारुओं का देश भी कहते हैं l आस्ट्रेलिया महाद्वीप बहुत लम्बे समय से संसार
के अन्य भूभागों से अलग-थलग रहा है , इसलिए यहाँ दुनिया से अलग किस्म के जानवर और
पक्षी पाए जाते हैं l कंगारू पृथ्वी का सबसे विचित्र और पुराना जानवर है कुछ हज़ार
साल पहले कंगारू कि एक ऐसी नस्ल भी पाई जाती थी , जो घोड़े के बराबर होती थी l
कंगारू की लम्बाई छ: फुट तक होती है l इसकी आगे की टांगें छोटी और
पीछे कि टांगे काफी लम्बी होती हैं l पीछे कि लम्बी और शक्तिशाली टांगों के कारण
ही कंगारू 10 से 15 फुट लम्बी छलांग लगा सकता है l कंगारू कि 4 फीट से भी अधिक
लम्बी एक पूंछ होती है , जो छलांग लगाते समय संतुलन रखने में उसकी मदद करती है l
जब कोई शिकारी या शिकारी कुत्ते कंगारू का पीछा करते है , तो वह लम्बी-लम्बी
छलांगे मारता हुआ बड़ी तेज़ी से भागता है l यहाँ तक कि 25-30 फीट तक का फासला एक
छलांग में तय कर सकता है l कई बार वह शिकारी कुत्तों को अपनी आगे कि टांगों से पकड़
भी लेटा है और पीछे की मज़बूत टांगों की सहायता से उन्हें मार डालता है l स्वभाव
में कंगारू भेड़-बकरी कि तरह डरपोक होता है l खरगोश कि तरह वह भी ठीक अपने सामने कि
चीज को नहीं देख पाता , परन्तु उसमें सूंधने और सुनने कि शक्ति तिव्र होती है l
इसके पेट पर पिछला टांगों के बिच एक थेली होती है l मादा कंगारू अपने
बच्चों को इसी थैली में रखती है और बच्चे जब तक बड़े नहीं हो जाते , तब तक वे इसी
थैली में रहते हैं l कंगारू का बच्चा जब पैदा होता है , तब वह ऊंचाई में एक इंच से
अधिक नहीं होता l शिशु कंगारू को ही नहीं , युवा कंगारुओं को भी माँ के संरक्षण कि
आवश्यकता होती है l जब माँ युवा कंगारुओं को खतरे में देखती है , तो वह उन्हें भी
अपने मुंह में पकड़ पर उठा लेती है और अपने थैले में रख लेती है l .........
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