सोमवार, 14 अक्टूबर 2013

Silicon / सिलिकान

     सिलिकान एक अधातु तत्व है l प्रकृति में यह शुद्ध अवस्था में नहीं मिलता l शुद्ध सिलिकान एक कठोर गहरे भूरे रंग का धातु जैसी चमक वाला और कई गुणों में हीरे से मिलता जुलता, रवेदार पदार्थ होता है l सामान्य ताप का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, लेकिन अधिक तापक्रम पर यह अन्य तत्वों से मिल जाता है l हमारी पृथ्वी की पपड़ी में 28% और चीनी मिट्टी में 50% सिलिकान होता है l यह चट्टानों, बालू, पानी, हड्डियों और जन्तुओं में भी पाया जाता है l बालू में इसकी मात्रा बहुत अधिक होती है l
     सिलिकान तत्व को सिलिकान-डाइ-आक्साइड से प्राप्त किया जा सकता है l सिलिकान-डाइ-आक्साइड विधुत द्वारा गर्म करके आक्साइड से रहित कर लेते हैं और सिलिकान अलग हो जाता है l
सिलिकान का अधिकतर भाग सिलिक के रूप में पाया जाता है l इसे ही सिलिकान-डाइ-आक्साइड कहते है l यह सिलिकान और आक्सीजन का एक यौगिक है l क्वाट्ज़ (बिल्लौर), जास्पर, दुधिया पत्थर और बालू आदि सभी सिलिकान के रूप हैं l सिलिकेट सिलिका का दूसरा यौगिक है l माइका और एस्बेस्टस सिलिकेतों के रूप में मिलते हैं l
 सिलिकान हमारे लिए बहुत उपयोगी है l अनेक प्रकार के कांच, तामचीनी, चीनी मिट्टी (China Clay) आदि को बनाने में सिलिकेट को काम में लेट हैं l सोडियम सिलिकेट का उपयोग साबुन बनाने में, लकड़ी को सड़ने से बचने में, अंडों को सड़ने से रोकने में और रंगाई (Dying) में किया जाता है l यहां तक कि इसे चिकनाहट के लिए, और कृत्रिम रबर बनाने के लिए भी काम में लेट हैं l
     अत्यधिक शुद्ध सिलिकान का प्रयोग फोटाग्राफी, ट्रांजिस्टरों और दूसरे इलैक्ट्रानिक पुर्जों में किया जाता है l सिलिकान और कार्बन का एक यौगिक, जिसे सिलिकान कार्बाइड या कार्बोस्डम कहते हैं, धातुओं पर पालिश करने के काम आता है l सिलिकान को स्टील में मिलकर स्टील को और अधिक उपयोगी बनाया जाता है l सिलिकान से आद्चालक भी बनते हैं,जो हमारे जीवन में बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुए हैं l
बालू और मिट्टी में मिले हुए सिलिकान का उपयोग ईटों के बनाने में किया जाता है l ...............

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

AYURVEDA / आयुर्वेद

  आयुर्वेद भारतीय उपमहाद्वीप में ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद का सिद्धांत और व्यवहार छद्म वैज्ञानिक है। भ...