शुक्रवार, 25 अक्टूबर 2013

Diamonds / हीरे

     प्राचीन काल से ही मनुष्य का मोह हीरों से रहा है l हर आदमी हीरे पाने के लिए उत्सुक रहता है l शुरु से ही हीरों को कीमती माना जाता रहा है, क्या आप जानते है कि हीरों में ऐसी क्या विशेषताएं हैं, जिनके कारण उनको इतना महत्व दिया जाता है ?
हीरों का कीमती होना कई बातों पर निर्भर करता है l सबसे पहली बात यह है कि हीरे दुर्लभ वस्तु हैं और संसार में जो वस्तु मुस्किल से प्राप्त होती है, उसकी कीमत अधिक होती है l हीरा रोशनी में अधिक चमकीला और आकर्षण लगता है l इस खास गुण के कारण भी हीरा लोगों की प्रिय वस्तु बन गया है l हीरे का कीमती होने का टीशर कारण यह है l कठोरता के गुण के कारण यह सैकड़ों वर्षों तक घिसता नहीं है l इसकी चमक खराब नहीं होती है l इसका रूप नहीं बिगड़ता है l इन सभी गुणों के कारण हज़ारों वर्षों से हीरा एक कीमती वस्तु रही है l
प्रकृति से मिलने वाले हीरे सुन्दर नहीं होते, उन्हें कलात्सक ढंग से तराशा जाता है, एक निश्चित रूप और आकार में लाया जाता है, फिर इस पर पालिश कि जाती है l हीरे को तराशकर खुबसूरत बनाना कोई आसान कार्य नहीं है l हीरे कुशल और अनुभवी कारीगर ही तराश सकते है l हीरा इतना कठोर होता है कि इसे काटने के लिए हीरे को ही प्रयोग में लाया जाता है l इसे कीमती बनाने के लिए इसमें बहुत से फलक (Surfaces) बनाएं जाते हैं और उन पर पालिश की जाती है l
हीरों की कीमत उनके आकार पर निर्भर करती है l हीरा आकार में जितना बड़ा होगा, उतना ही मूल्यवान होगा l हीरों के कुछ रंग ऐसे हैं जो मुश्किल से मिलते हैं l खास तौर पर लाल और नीली झलक वाले हीरे बहुत काम मिलते हैं, इसलिए वे बहुत कीमती होते हैं , कुछ कीमती हीरे रंगहीन भी होते हैं l
कहा जाता है कि हीरे की खोज सबसे पहले भारत में हुई थी, भारत के कोहिनूर हीरे से हम सभी परिचित हैं l कुछ वर्ष पहले तक हीरे हमें प्रकृति से ही प्राप्त होते थे, लेकिन आज वैज्ञानिकों ने हीरे बनाने के कृत्रिम तरीकों का भी विकास कर लिया है l ..............

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

AYURVEDA / आयुर्वेद

  आयुर्वेद भारतीय उपमहाद्वीप में ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद का सिद्धांत और व्यवहार छद्म वैज्ञानिक है। भ...