जब हम एक कार्क के टुकड़े को पानी में डालते
हैं, तो देखते हैं कि यह उसमें डूबा नहीं, बल्कि तैरता रहता है l कार्क के पानी
में तैरने के गुण को लोग हज़ारों वर्षों से जानते हैं, इसलिए बहुत पहले कार्क के
बड़े-बड़े टुकड़ों को, पानी में डुबते मनुष्य को बचाने के लिए प्रयोग किया जाता था l
क्या तुम जानते हो कि कार्क पानी में क्यों
तैरता है ? यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि जो वस्तु पानी से हलकी होगी, वह पानी में
डूबेगी नहीं, बल्कि तैरेगी l कार्क भी पानी से हल्का होता है, इसलिए वह पानी में
तैरता है l कार्क कि आंतरिक संरचना ऐसी होती है कि इसकी कोशिकाएं एक दूसरे से
अलग-अलग होती हैं l उनके बीच में हवा होती है l इसके फलस्वरूप कार्क पानी से हलकी
हो जाती है और वह पानी में डालने पर तैरती रहती है l कार्क पानी के 1/5 वे भाग के
बराबर होती है, इसलिए पानी में डालने पर इसका 1/5 भाग पानी में डूब जाता है और शेष
भाग पानी के ऊपर रहता है l
कार्क हमें ओक नामक वृक्ष कि छाल से प्राप्त होता
है l ये वृक्ष स्पेन और पुतॅगाल में बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते हैं l ये पेड़
भूमध्य सागर के क्षेत्र, भारत और पश्चिमी अमेरिका में भी उगाए जाते हैं l संसार
में कार्क कि दो तिहाई मात्रा इन्हीं देशों से प्राप्त होती है l कार्क के वृक्ष
20 से 40 फुट से ऊंचे होते हैं और इनका तना लगभग चार फुट मोटा होता है l इसका ऊपरी
भाग फैला हुआ गोल होता है l रंग चमकीला हरा होता है l कार्क प्राप्त करने के लिए
ओक वृक्ष कि छाल ली जाती है और उसके तने को छोड़ दिया जाता है l जब ओक वृक्ष कि
उम्र लगभग 20 वर्ष हो जाती है, तब उससे पहली बार छाल उतारी जाती है l इसके नौ वर्ष
बाद दूसरी परत तराशी जाती है l
कार्क छाल के भीतरी हिस्से से बनाया जाता है
l छाल का बाहरी भाग बेडौल होने से छील कर अलग कर दिया जाता है l कार्क हमारे जीवन
में बहुत उपयोगी है l इसे बोतलों में ढक्क्न लगाने के लिए प्रयोग में लाया जाता है
l इसका सबसे अधिक उपयोग बड़े-बड़े कमरों को साउंड प्रूफ बनाने के लिए किया जाता है l
इसके अलावा कार्क का वेयर हाउसों और रेफ्रिजरेटरों में भी प्रयोग किया जाता है l
ताप के प्रभाव को काम करने के लिए भी कमरों कि छतों में इसकी परत लकड़ी के सहारे
लगा दी जाती है ..............
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