शनिवार, 19 अक्टूबर 2013

Gale and Storm / आंधी और तूफान



     आंधी और तूफान वायुमंडल में होने वाले उन परिवर्तनों को कहते हैं, जिनमें हवा सामान्य वेग से न चलकर तेज़ गति से चलने लगती है l सभी आंधी और तूफान एक जैसे नहीं होते l उनमें कुछ न कुछ भिन्नता अवश्य होती है l कुछ तूफान ऐसे होते हैं, जिनसे धरती का थोडा सा ही क्षेत्र प्रभावित हो पता है और कुछ इतने विशाल होते हैं, जो हज़ारों कि. मी. तक प्रभाव डालते हैं l जब हवा तेजी से चलती है, तो उसे आमतौर पर आंधी (Storm) कहा जाता है l यदि इस आंधी में धुल कि मात्रा बहुत अधिक होती है, तो इसे धूल भरी आंधी कहते हैं l
गर्मियों में जो आंधियां आती हैं, मुख्य रूप से तापमान के बढ़ने के कारण वायु का दवाव काम होने से आती हैं l किसी क्षेत्र में जब गर्मी अधिक पड़ती है, तो तापमान बढ़ जाता है, जिससे वायु का दवाव काम हो जाता हैं l इस वायु के दवाव को संतुलित करने के लिए ठण्डे स्थानों से अधिक दवाव वाली हवा तेजी से गर्म क्षेत्र कि और बढ़ने लगती है l इसके साथ धूल भी उडती है l यही तेजी से चलने वाली हवा धुल भरी आंधी का रूप ले लेती है l
     सबसे भयंकर तूफान वे होते हैं, जिनमें हवा गोल घेरे में तेजी से घुमती है l इस प्रकार के तूफानों को बवंडर (Tornado), चक्रवात (Cyclone) तथा हरीकेन (Hurricane) कहते हैं l टोरनेडो द्वारा काम क्षेत्र प्रभावित होता है l इसमें वायु का वेग 200 कि. मी. प्रति घंटे तक हो जाता है l जब किसी थोड़े से क्षेत्र में तापमान बहुत बढ़ जाता है तो वायु का दवाव एकदम से गिर जाता है l वायु के दवाव को संतुलित करने के लिए इस क्षेत्र के केन्द्र कि हवा तेज़ी से बढ़ती है l तेज गति के कारण उस क्षेत्र में हवा की गति चक्रादर (Whirling) हो जाती है l इस प्रकार गर्म हवा तेज़ी से ऊपर उठने लगती है जिससे वह कीप (Funnel) के आकार के बादल जैसा रूप ले लेती है l इसे ही टोरनेडो कहते हैं l इसके अंदर वायु का दवाव इतना काम होता है कि जब किसी भी इमारत के पास से गुजरता है तो वह इमारत अपने अंदर के वायु के दवाव के कारण नष्ट-भ्रष्ट हो जाती है l
     हरीकेन आमतौर पर उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में आते हैं ये 160 से 640 कि. मी. (100 से 400 मील) व्यास के क्षेत्र को घेर लेती है और हवा 120 से 200 कि. मी. (75 से 125 मील) प्रति घंटे कि रफ़्तार से चलने लगती है l हरीकेन के बीच से 5 से 15 मील के हिस्से में बिलकुल शांति रहती है l इस हिस्से को तूफान कि आंख कहा जाता है l जब वह हिस्सा किसी क्षेत्र में पहुंचता है, तो वहां कि हवा एकदम शांत हो जाती है l इससे कभी-कभी लोग समझने लगते हैं कि तूफान रुक गया है, लेकिन जैसे ही यह हिस्सा उस क्षेत्र से हटता है, हवा फौरन भीषण गति से बहना शुरु कर देती है l हरीकेन क्योंकि गोल चक्कर में घूमने वाला तूफान है, इसलिए इससे हवा भी काफी रफ्तार से गोलाई में ही घुमती है l ईस्ट इंडीज व चीन सागर के आसपास इनको टाईपून (Typhoon) कहा जाता है l
     साइक्लोन भी एक भीषण किस्म का तूफान होता है l यह तूफान भी बहुत लंबे चौड़े क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेता है l इसमें हवा बहुत कम दवाव वाले क्षेत्र कि तरफ दोड़ती है और इसी से विनाश होता है l 13 से 14 नवम्बर 1970 को पूर्वी पाकिस्तान में आए भीषण तूफान से 10 लाख से अधिक लोगों कि मृत्यु हो गई थी l .................

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