बहुत से लोग ऐसे हैं, जो बादलों में बिजली कि
चमक और गड़गाड़ाहट कि आवाज़ से बहुत डरते हैं l वास्तव में इस गड़गाड़ाहट से डरने
कि कोई बात नहीं, क्योंकि गड़गाड़ाहट कि यह आवाज़ जब तक हमारे कानों में पहुंचती
है, उससे पहले ही बिजली चमक चुकी होती है l यधपि बादलों में बिजली का चमकना और
आवाज़ का पैदा होना एक साथ ही होता है, लेकिन प्रकाश का वेग कि अपेक्षा बहुत अधिक
होने के कारण बिजली कि चमक तो हमें फौरन दिखाई दे जाती है, लेकिन गड़गाड़ाहट कि
आवाज़ कि तरंगें हमारे कानों तक कुछ देर बाद पहुंचती हैं l
आब
प्रश्न यह है कि क्या हमें बिजली के चमकने से डरना चाहिए ? बिजली कि चमक खतरनाक
जरुर होती है, लेकिन बिजली जमीन पर बहुत काम गिरती है l बिजली के गिरने से लोगों
कि मृत्यु भी हो सकती है l बिजली के चमकने पर एक प्रकाश की चमकीली सी रेखा बादलों
में खिंच जाती है l वास्तव में बिजली कि चमक की यह रेखा दो बादलों के बीच में हो
सकती है l जब कोई आवेशित (Charged) बादल धरती की सतह के पास आता है, तो धरती कि सतह पर विपरीत
आवेश पैदा हो जाता है l जब इन दोनों के बीच में विभवान्तर (Potential Difference)
वायु की प्रतिरोधक शक्ति (Resistance Power) से अधिक हो जाता है, तो बिजली चमक
जाती है तथा विधुत वायु में से होकर पृथ्वी कि और बहने लगती है l इसके फलस्वरूप ही
बिजली चमकती है l यह चमक 50 कि. मी. तक लंबी हो सकती है l
धरती और बादलों के बीच जो बिजली कि चमक पैदा
होती है, वह ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए खतरनाक हो सकती है l इन इमारतों को बिजली के
इस प्रभाव को बचाने के लिए उनकी छतों पर धातु कि नुकीली छड़ें लगा दी जाती हैं, जिन्हें
ईमारत की दीवारों के सहारे-सहारे ले जाकर जमीन के निचे गाड़ दिया जाता है l इनको
तड़ित चालक (Lightning Conductor) कहते हैं l जमीन पर गिरने वाली विजली से इन तड़ित
चालकों के कारण ऊंची इमारतों को कोई नुकशान नहीँ होता है l वैज्ञानिकों का कहना है
कि यदि आपको बिजली कि चमक दिखाई दे जाती है, तो आप बिजली के चमकने से पूरी तरह
सुरक्षित है l बिजली के चमकते समय डर कर के भीतर या पेड़ के निचे जाना चाहिए l खुले
मैदान में आ जाना अधिक सुरक्षित रहता है l ...............
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