जब हम रात को आकाश कि और देखते हैं, तो दूर-दूर तक फैली एक दुधिया रंग
कि पट्टी हमें दिखती है l इसी को हम आकाशगंगा कहते हैं l बृह्दाकर शक्तिशाली
दूरदर्शी यंत्रों द्वारा देखा गया है कि आकाशगंगा में अनगिनत तारे, धूल और गैसों
के गुब्बार हैं l इसका दुधिया रंग तारों के कारण है l हमारा सौरमंडल इस आकाशगंगा का
एक हिस्सा है l ब्रह्मांड में अरबों आकाशगंगाएं हैं l सभी आकाशगंगाएं तारों, धूल
और गैसों से बनती हैं l
वैज्ञानिकों
ने आकाशगंगा के विस्तार और स्वरुप को शक्तिशाली दूरदर्शी यंत्रों से देखने कि
चेष्टा कि है l यह एक ऐसे लैंस कि तरह का है जिसका केन्द्रीय भाग किनारों के
अनुपात में बहुत मोटा है l हमारी आकाशगंगा इस लैंस के एक किनारे पर स्थित है l जब
हम आकाश कि तरह देख रहे होते हैं तो दरअसल हमें आकाशगंगा का मध्य दीखता है l
इसीलिये सितारे एक दूसरे के इतना पास दीखते हैं l अध्ययन से पता चला है कि आकाशगंगा
सांप कि कुंडली कि आकार कि है l इसमें लगभग 1,50,000,000,000 सितारे हैं l
क्या आपको मालूम है
कि आकाशगंगा का विस्तार कितना है ? इसकी लम्बाई मीलों या किलोमीटरों में नहीं नपी
जाती l इस तरह कि लम्बाई नापने के लिए अलग इकाई है l इस इकाई को प्रकाश वर्ष कहते
हैं, यानि प्रकाश एक वर्ष में इतनी दुरी तय करता है l हम जानते हैं कि प्रकाश
3,00,000 (3x105) किलोमीटर
(1,86,000 मील) प्रति सेकंड कि रफ़्तार से यात्रा करता है l एक वर्ष में यह
9,408,000,000,000 कि.मी. (5,880,000,000,000 मील) कि यात्रा करेगा l यह दुरी एक
प्रकाश वर्ष कहलाती है l हमारी आकाशगंगा का व्यास 1 लाख प्रकाश वर्ष है l सूर्य आकाशगंगा
के केन्द्र-बिन्दु से 30,000 प्रकाश वर्ष दूर है l हमारा सूर्य इस आकाशगंगा के
चरों और भी घूमता है l यह एक चक्र पूरा करने में 25 करोड़ साल लेता है l
अगर हम आकाशगंगा की और ध्यान से देखें तो हमें कुछ काले ध्व्बे दिखाई
देंगे l इन स्थानों पर सितारे कम होते हैं और धूल अधिक l ..........
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