आमतौर पर वैज्ञानिकों के मन में यह प्रश्न उठता है कि यदि जीवन का
विकास धरती पर हो सकता है तो क्या यह संभव नहीं कि इतने बड़े ब्रहमांड में और भी
ऐसे गृह हों जिन पर जीवित प्राणी रहते हों ? यदि ऐसा है तो ऐसे कौन से तरीके हो सकते
हैं, जिनके द्वारा दूसरे ग्रहों पर रहने वाले प्राणियों से सम्पर्क स्थापित किया
जा सके l इस समस्या का समाधान केवल रेडियो ही कर सकता है l स्न 1960 में अमेरिका
के वैज्ञानिकों ने कुछ तारों से ऐसे रेडियो सन्देश प्राप्त कीए, जिनसे उन्हें
दूसरे खगोलीय पिण्डों पर जीवन के अस्तित्व का संदेश हुआ l लेकिन वैज्ञानिकों को अब
तक कोई ऐसा ठोस प्रमाण नहीं मिल पाया है l जिससे वे दूसरे ग्रहों पर जीवन की
उपस्थिति सिद्ध कर सकें l
कुछ वर्ष पहले यह एक आम चर्चा थी कि लोगों ने सैकरों जगह आकाश में
उड़ती हुई कुछ चीजें देखी हैं l कुछ लोगों का कहना है कि इन उड़ती हुई वस्तुओं का
आकार तश्तरी जैसा था l इनका नाम लोगों ने उड़न तश्तरी (Flying Saucer) रखा l इन उड़न
तस्तारियों को देखकर वैज्ञानिकों ने यह मानना शुरु कर दिया कि शायद पृथ्वी की ही
भांति दूसरे ग्रहों पर लोग रहते हैं , जो वैज्ञानिक परीक्षणों के लिए ऐसी वस्तुओं
को छोड़ते रहते हैं l इन तस्तारियों का आकर कई प्रकार का था l इनमें कुछ को गोल और
कुछ को सिगार के आकार का बताया जाता है l इनके रंग के विषय में भी कई बातें सुनने
को मिलीं l इनकी उड़ने कि गति बहुत तेज थी l
उड़न तस्तारियों के वैज्ञानिकों ने चित्र भी लिए l उन तस्तारियों
द्वारा पीछा भी किया गया l बहुत से अध्ययनों से पता लगा कि लोगों ने जिन चीजो को
उड़न तश्तरी मन लिया था, वे वास्तव में या तो मौसम जानने के लिए उडाए गए गुव्बारे
थे या आकाश से गिरते हुए उल्कापिंड थे l वैज्ञानिक लगभग इस निष्कर्ष पर पहुंच गए
हैं कि पृथ्वी ही एक ऐसा गृह है जिस पर जीवन के अस्तित्व के लिए अनुकुल परिस्थितिया है l ब्रहमांड में अब तक कोई दूसरा
ऐसा गृह नहीं मिल पाया, जिस पर जीवन मौजूद हो l ............
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