बहुत पुराणी कहानी है,
एक गाँव में
दो लड़के रह रहे थे। रवि और किशन उनका नाम था। वे दोनों साथ काम किया करते और खेलाते।
वे हर जगह एक साथ जाते थे। एक बार, रवि के पिता ने कहा,
"रवि क्या तुम जंगल से लकड़ियाँ ला सकते हो? जी हा पिता जी, और रवि पास ही के जंगल में
जानें के लिए घर से निकल पड़ा। हमेशा की तरह किशन
ने रवि को घर से निकलते देख लिया और उसके साथ जंगल में जाने लगा। वे दोनों जंगल की
ओर चलने लगे।
लगभग आधे घंटे के बाद,
जब वे आधे
रास्ते में अपने गंतव्य पर पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि एक सुंदर तलवार घनी झाड़ियों में फंसी हुई है। रवि ने
इसे सबसे पहले देखा और कहा,
"किशन ! देखो वह
क्या है ! वह तलवार कितनी सुन्दर है ! मुझे आश्चर्य है कि इसे
वहां किसने रखा था। किशन ने कहा,
“बिल्कुल भाई।
रुको, मैं इसे घने जंगल में से
निकालता हूँ।” किशन ने झाड़ी से तलवार
निकाली और उसकी सुंदरता पर अचंभित हो गया। रवि ने कहा, "वाह, यह हमारा भाग्यशाली दिन है ! हमें ऐसी
अद्भुत तलवार मिली है !"
किशन के कुछ और ही विचार थे। "नहीं ! यह तलवार 'हम' को नहीं 'में' को मिली है। में वही हूँ
जो इसे झाड़ी से बाहर लाया था,
इसलिए यह मेरा
और मेरा ही है। मैं इसे किसी और को नहीं दे सकता हूं।” रवि कुछ नहीं बोला। वे
रास्ते पर चलते रहा।
हालांकि कुछ और दूर जाने के बाद करीब 10-12 लोग रवि और किशन की तरफ दौड़ते हुए आए। जब लोग उनके पास पहुँचे, तो उनमें से एक ने कहा, “देखो ! उस लड़के के हाथ में तलवार है। इससे पता चलता है कि वह हत्यारा है। चलो दोस्तो, इसको पकड़ कर थाने ले चलते हैं।”
अब किशन डर गया। उसने रवि से कहा, “प्रिय मित्र, हम पकड़े गए हैं। यह बहुत
कठिन स्थिति है।" रवि ने कहा, 'हम नहीं, बल्कि तुम जो मुसीबत में
हैं। तलवार तुम्हारी है,
है ना ?
लोग किशन को थाने ले जाने लगे। रवि को अपने दोस्त पर दया आ गई। उन्होंने
हस्तक्षेप किया और किशन को पकड़ने वाले लोगों को वास्तविक स्थिति के बारे में
बताया। लोगों ने रवि के मासूम समझाने पर यकीन कर लिया और किशन को जाने दिया।
बाद में किशन ने रवि से माफ़ी मांगी, “आई एम सॉरी डियर फ्रेंड। तलवार मिलने पर मैं स्वार्थी हो गया। फिर भी, आप मेरे लिए अच्छे थे और
लोगों से छुटकारा पाने में मेरी मदद की। मैं आपका सच्चा मित्र नहीं रहा। मैं भी अब
से तुम्हारा एक सच्चा मित्र बनने की कोशिश करूँगा।”
किशन की ये बातें सुनकर रवि खुश हो गया और उसकी पीठ थपथपाई। वे दोनों अपने घर
वापस चले गए और बाद में पूरे शहर में दोस्ती की सबसे अच्छी मिसाल बन गए।
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