बैक्टीरिया या
जीवाणु वनस्पति जगत के निम्मतम श्रेणी के सदस्य मने जाते हैं l ये एक कोशिका वाले
प्राणी हैं l ये आकार में बहुत सुक्ष्म होते हैं l इनका आकार एक इंच के 25000 वें
भाग के बराबर होता है l कुछ बैक्टीरिया इससे भी छोटे होते हैं, जिन्हें साधारण
सूक्ष्मदर्शी से नहीं देखा जा सकता l बैक्टीरिया का प्रजनन कोशिका विभाजन द्धारा
होता है अर्थात एक कोशिका की दो कोशिकाएं हो जाती हैं l अनुकूल परिस्थितियों में
इनके जन्म की गति तेज़ हो जाती है l नै बैक्टीरिया कोशिका लगभग बीस मिनिट में
विभाजित होना शुरू कर देती हैं l 40 मिनिट में एक बैक्टीरिया से चार बन जाते हैं
और दो घंटे में 64 l इस प्रकार २४ घंटों में 4,000,000,000 बैक्टीरिया पैदा हो
जाते हैं l लेकिन भोजन और पानी के संघर्ष में इनमें से केवल एक प्रतिशत ही जीवित
रह जाते हैं l
मोटे टूर पर बैक्टीरिया चार प्रकार के होते
हैं l कुछ बैक्टीरिया गोल होते हैं, जिन्हें कोक्स (Coccus) कहते हैं l दुसरे
प्रकार के बैक्टीरिया लम्बी छड़ के आकार के होते हैं, जिन्हें ‘बैसिलस’ (Bacillus)
कहते हैं l तीसरे प्रकार के बैक्टीरिया सर्पिल आकार के होते हैं, जिन्हें
‘स्पैरिलम’ (Spirillum) कहते हैं l चौथे प्रकार के बैक्टीरिया कौमा के आकार के
होते हैं, जिन्हें ‘वाइब्रो’ (विब्रियो) कहते हैं l
बैक्टीरिया हमारे लिए हानिकारक भी हैं और
लाभदायक भी जहाँ तक हानियों का सम्बन्ध है, बैक्टीरिया मनुष्य, जानवरों और
पेड़-पौधों में बहुत सी बीमारियाँ फैलाते हैं l टाइफाइड, टिटनस, टी.बी., निमोनिया,
हैजा, डिफथीरिया, डीसैन्ट्री, कुकर खांसी आदि ऐसी बीमारियाँ हैं, जो बैक्टीरिया
फैलाते हैं l ये जानवरों और पेड़-पौधों में भी बहुत सी बीमारियाँ फैलाते हैं l कुछ
बैक्टीरिया मानव जाती के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं l दूध से दही बनाने की
क्रिया बैक्टीरिया द्धारा ही संपन्न होती है l बैक्टीरिया मृत पौधों और पशुओं को
सदाकर नष्ट कर देते हैं, जिससे धरती साफ हो जाती है l नाइट्रोजन और दुसरे तत्र्वों
के साथ मिलकर बैक्टीरिया ऐसे योगिक बनाते हैं, जो पौधों के लिए अत्यंत जरुरी हैं l
सिरका का निर्माण भी बैक्टीरिया द्धारा होता है l डबल रोटी का खमीर भी बैक्टीरिया
को प्रयोग में लाकर बनाई जाती हैं l इस प्रकार हम देखते हैं कि बैक्टीरिया हमारे
लिए लाभदायक भी हैं और हानिकारक भी l ..............
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