शुक्रवार, 1 नवंबर 2013

Silk / रेशम

            रेशम के नाम से हम सब भली-भांति परिचित हैं l इससे बने मुलायम और पतले कपड़ों को पहन कर मन प्रसन्न हो जाता है l रेशम से इतना अधिक पतला कपडा बनाया जा सकता है कि इसका एक थान एक छोटी सी अंगूठी में से निकाला जा सकता है l क्या आप जानते है कि रेशम किस प्रकार बनाया जाता है ?
     आपकों यह जानकर आश्चर्य होगा कि रेशम में धागे को एक छोटा सा कीड़ा तैयार करता है, जिसे रेशम का कीड़ा (Silk Worm) कहते हैं l यह कीड़ा अपने रहने के लिए अपने ही शरीर पर गोले के आकार का घर बनाना शुरू करता है l जब गोला बड़ा हो जाता है, तो उससे रेशम प्राप्त करने के लिए उसे गर्म पानी में डाल दिया जाता है, जिसमें कीड़ा तो मर जाता है और उसके गोले से रेशम बनाया जाता है l यदि इस कीड़े को और भी बढ़ने दिया जाए तो यही कीड़ा तितली के रूप में बादल जाता है l
     लगभग चार हज़ार साल पहले रेशम बनाने कि काला चीन के लोगों को पता थी l इसके विषय में एक दिलचस्प कहानी प्रचलित है l कहा जाता है कि चीन की रानी सी लिंग शी ’ ने एक बार गलती से रेशम के एक कीड़े को हाथ धोने वाले बर्तन में डाल दिया l अगले दिन उसने देखा कि वर्तन में से रेशम के रेशे निकल रहे हैं l इससे प्रभावित होकर उसने रेशम के कीड़ों को पालना आरम्भ कर दिया और उनके द्धारा तैयार रेशम को बुनाई के काम में लाना शुरू कर दिया l कई साल तक चीन के लोगों ने रेशम के कीड़ो का रहस्य छुपाए रखा l दुनिया भर के व्यापारियों को रेशम खरीदने के लिए चीन जाना पड़ता था l रेशम के कीड़ों का रहस्य सबसे पहले तीसरी शताव्दी में जापानी लोगों को पता लगा l 550 ईव के आसपास बायजैन्टियम के राजा जुस्टीनियन ने अपने दो जासूसों को चीन भेजा l ये जासूस लौटते समय एक बांस की नली में रेशम के कीड़ों के अंडे छुपाकर ले आए l इसके बाद रेशम के कीड़े पालने और उनसे रेशम प्राप्त करने कि कला सारे संसार में धीरे-धीरे फैल गई l
     आज चीन, जापान, भारत, फ्रांस, स्पेन और इटली जैसे देशों में रेशम के कीड़े पाले जाते हैं और उनसे रेशम प्राप्त किया जाता है l गर्मी की शुरुआत में मादा शहतूत के पत्तों पर पांच सौ के लगभग अंडे देती है, जो पत्तियों से चिपक जाते हैं l दस दिन के अंदर इन अंडों से लार्वा निकल आता है l इनकी सावधानी से जांच कि जाती है और रोगी कीड़ों को अलग करके नष्ट कर दिया जाता है l स्वस्थ कीड़ों को शहतूत कि पत्तियों पर पाला जाता है l इनके मुंह के एक छोटे से छिद्र द्धारा एक रस निकलता है, जिससे रेशम का धागा बनता है l 25 दिन के अन्दर-अन्दर ये कीड़े रेशम का गोला दे देते हैं l इनके वज़न का पांचवां हिस्सा रेशम होता है l इन कीड़ों को गर्म पानी में डालकर मार दिया जाता है और गोले से रेशम काट लिया जाता है l एक गोले में रेशम का एक लम्बा धागा होता है l जिसकी लम्बाई 500 से 1300 मीटर तक होती है l
     आज सारे संसार में खुबसूरती व बारीकी के लिए इटली का रेशम सर्वश्रेष्ठ माना जाता है l ...............

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