ब्रहमाण्ड में प्रत्येक वस्तु एक दूसरी वस्तु को आकर्षित किए हुए है l
इस आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते है l गुरुत्वाकर्षण बल दो बातो पर निर्भर
करता है l वस्तुओं के द्रव्यमान (Mass) और उनके बीच की दूरी l दो वस्तुओं के बिच
का गुरुत्वाबल उतना ही अधिक होगा, जितना उनका द्रव्यमान अधिक होगा, लेकिन इनके बिच
की दूरी जितनी अधिक होगी बल काम होता जाएगा l यदि दो वस्तुओं के बिच की दुरी को
दोगुना कर दिया जाए , तो उनके बिच में लगा गुरुत्वाबल चोथाई रह जाएगा l
चन्द्रमा पृथ्वी का एक उपग्रह है, जो पृथ्वी
की परिक्रमा करता रहता है l पृथ्वी का द्रव्यमान चन्द्रमा की तुलना में लगभग 81
गुना है और चन्द्रमा का व्यास पृथ्वी के व्यास का लगभग एक चोथाई है l इसलिए
चन्द्रमा पर गुरुत्वाबल धरती की तुलना में केवल छठा हिस्सा राह जाता है l यही कारण
है कि चन्द्रमा पर मनुष्य का वजन पृथ्वी की तुलना में घटकर छठा भाग हो जाता है l
यदि कोई मनुष्य पृथ्वी पर एक मीटर उछल सकता है , तो वही मनुष्य चन्द्रमा की सतह पर
छ: मीटर उचा उछल सकेगा l इसी प्रकार चन्द्रमा की सतह पर पहुच कर यदि कोई गेंद ऊपर
की और फेंकी जाए , तो वह पृथ्वी की तुलना में छ: गुना अधिक ऊंची जाएगी l
चन्द्रमा का गुरुत्वाबल काम होने के कारण
वहां पर कोई वायुमंडल नहीं है l काम गुरुत्वाकर्षण के कारण वायु के अणुऔ पर कम बल
लगता है , इसलिए वे चन्द्रमा के वातावरण में रुक नहीं पातें l चन्द्रमा के
गुरुत्वाबल का प्रभाव हमारी धरती पर भी पड़ता है l इस गुरुत्वाबल के कारण समुद्रों
का पानी ऊपर की और खींचता है , जिससे समुद्रों में ज्वार आते हैं .............
Thanks
जवाब देंहटाएंnice👍
जवाब देंहटाएंblog post ke liye photo kaise bnate h, kha se late hai... plzz reply me