नोबल पुरस्कारों की घोषणा हर वर्ष की जाती है
और जिन व्यक्तियों को नोबल पुरस्कार मिलता है , वे संसार भर में चर्चा का विषय बन
जाते हैं l समाचार-पत्रों में उनकी जीवनियाँ और कार्य छपते हैं l रेडियो और
टेलिविज़न पर उनका नाम आता है l आखिर नोबल पुरस्कार क्या है और इसको इतना महत्व
क्यों दिया जाता है ?
नोबल पुरस्कार संसार का सबसे बड़ा पुरस्कार है
l इस पुरस्कार के अंतर्गत एक गोल्ड मैडल, एक सर्टिफिकेट और अच्छी खासी धनराशि
पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति को दी जाती है l यह पुरस्कार पांच क्षेत्रों में संसार
में सवॉधिक उल्लेखनीय काम करने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है l ये क्षेत्र हैं –
शान्ति (Peace), भौतिकशास्त्र (Physics), रसायनशास्त्र (Chemistry), साहित्य
(Literature) और शारीर विज्ञान एवं चिकित्सा (Physiology & Medicine), हर एक
क्षेत्र में एक-एक पुरस्कार दिया जाता है l यदि एक क्षेत्र में एक से अधिक व्यक्ति
होते हैं तो धनराशि को बराबर भागों में बांट दिया जाता है l
क्या आप जानते है कि नोबल पुरस्कार का आरम्भ
कैसे हुआ ? यह पुरस्कार उस व्यक्ति ने शुरु किया जो विध्वंस के विज्ञान का प्रणेता
था l यह वैज्ञानिक अल्फ्रेड बरनाडॅ नोबल थे l इनहिं के नाम पर नोबल पुरस्कार दिया
जाता है l इनका जन्म स्टाकहोम में 21 अक्तूबर 1833 को हुआ और 10 दिसम्बर 1896 में
इनकी मृत्यु हुई l इनके पिता भी एक वैज्ञानिक थे l इनकी शिक्षा रूस में हुई, यधपि
ये स्वीडन के रहने वाले थे l इन्होंने डायनमाइट नमक विस्फोटक पदार्थ कि खोज कि l
इस पदार्थ का प्रयोग चट्टानों को तोड़ने, पेट्रोल के कुएं खोदने और युद्धों में
बहुत अधिक हुआ l इस पदार्थ के प्रयोग के कारण नोबल संसार भर में प्रशिद्ध हो गए l
उन्होंने इस पदार्थ से बहुत धन कमाया l अपनी मृत्यु के समय इन्होंने 9200,000 डालर
की भरी धनराशि छोड़ी l अपनी मृत्यु के समय इन्होंने एक वसीयत की थी कि इस धनराशि से
प्राप्त होने वाले व्याज को भौतिकशास्त्र, रसायनशास्त्र, चिकित्सा साहित्य और
शान्ति प्रयासों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यकितयों को पुरस्कार देने में
लगाया जाए l इन्ही के नाम पर इस पुरस्कार का नाम नोबल पुरस्कार पड़ा l पहला नोबल
पुरस्कार 10 दिसम्बर 1901 में रंटगेन (Roentgen) नमक वैज्ञानिक को दिया गया l
इन्हें एक्स किरणों के अनुसंधान के लिए पुरस्कृत किया गया था l इस पुरस्कार कि
धनराशि 40,000 डालर थी l यधपि इस पुरस्कार में धनराशि बहुत अधिक नहीं होती, लेकिन
इस पुरस्कार को पाने वाले व्यक्ति को सारे संसार में आदर की दृष्टि से देखा जाता
है l
नोबल फाउण्डेशन आफ़ स्वीडेन नामक परिषद् नोबल
पुरस्कारों का वितरण करती है l भौतिक व रसायन शास्त्र के लिए, रायल एकेडेमी आफ़
साइंस, स्टाकहोम सवॅश्रेष्ठ वैज्ञानिकों का चयन करती है l चिकित्सा विज्ञान के लिए
करोलिन इंस्टिट्यूट आफ स्टाकहोम, साहित्य के लिए स्वीडिश एकेडेमी आफ़ लिटरेचर,
सवॅश्रेष्ठ व्यक्तियों को चुनती है, इही प्रकार शान्ति के लिए पांच व्यक्तियों की
एक समिति जिस नावें को संसद चुनती है व्यक्तियों का चयन करती है l
अब तक संसार के बहुत से प्रतिभाशाली
व्यक्तियों को ये पुरस्कार मिल चुके हैं l इनमें से कुछ के नाम हैं : अलबर्ट
आइंस्टाइन, जाजॅ वनडिॅ शा, मेरी क्यूरी, रवीन्द्र नाथ टैगोर,सर सी.बी. रमण,
हरगोविन्द खुराना और मदर टेरीसा आदि l सबसे छोटी उम्र में यह पुरस्कार ग्रहण करने
का श्रेय इंगलैंड के सर विलियम लारेंस ब्रेग को हैं l जिन्हें 1915 में 25 वर्ष कि
आयु में भौतिक विज्ञान के लिए पुरस्कृत किया गया था l
नोबल महोदय संसार में इतने प्रसिद्ध हो गए कि
उनके नाम पर 102 वें तत्व का नाम नोबेलियन रखा गया है l उन्हीं के नाम पर स्वीडन
में एक संस्था का नाम, नोबल इंस्टिट्यूट आफ़ स्वीडन रखा गया है ................
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें