रविवार, 13 अक्टूबर 2013

Desert / रेगिस्तान

रेगिस्तान एक ऐसा स्थान है जहा पानी नहीं होता, दूर-दूर तक रेत ही रेत होती है l रेगिस्तान में धूल भरी आंधियां चलती हैं l धरती कि सतह का आठवां हिस्सा रेगिस्तान है l क्या आप जानते है कि रेगिस्तान कैसे बनते हैं ?
रेगिस्तान बनने के अनेक कारण हैं l जब हवाए एक दिशा में चलती हैं तो गर्मी उसकी नमी को सोख लेती है l यह सुखी हवा जहा-जहा से गुजरती है, वहां कि नमी को सोखती हुई चलती है l परिणाम यह होता है कि धरती कि वह सारी सतह एकदम सूख जाती है l नमी कि कमी के कारण पेड़-पौधे भी सूख जाते हैं l पूरी धरती रेतीली हो जाती है और अपनी उवॅर-शक्ति खो देती है l इस तरह यह क्षेत्र एक रेगिस्तान में बादल जाता है l
गर्म और सूखे रेगिस्तान भूमध्यरेखा के आसपास पाये जाते हैं l भूमध्यरेखा के पास भयानक गर्मी होती है, इसलिए नमी नहीं होती और यह क्षेत्र रेगिस्तान कि तरह रेतीला हो जाता है l रेगिस्तान भूमध्य रेखा से दूर भी बन सकते है l यदि एक क्षेत्र और समुंद्र के बीच बहुत से पहाड़ हों और नम हवाएं समुंद्र से उस क्षत्र तक न पहुंच सकती हों और वर्षा पहाड़ो के केवल एक और होती हो, और दूसरी तरफ विल्कुल सुखी रहती हो तो समय बीतने के साथ यह क्षेत्र रेगिस्तान बन जाता है l
उत्तरी अफ्रीका का सहारा रेगिस्तान दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान है l इसकी लम्बाई पूर्व से पश्चिम कि और 5120 कि.मी. (3200 मील) है और उत्तर से दक्षिण कि और 1280 कि.मी. से 2240 कि. मी. (800 से 1400 मील) तक है l इस रेगिस्तान का क्षेत्रफल 83,20,000 वर्ग कि.मी. (32,50,000 वर्ग मील) है l रेगिस्तान में कुछेक ही प्रकार के पौधे और पशु जिन्दा रह सकते हैं l ये वे किस्में होती हैं जिन्हें पानी कि बहुत काम आवश्यकता होती है l कैक्टस और कुछेक प्रकार की झाड़िया ही रेगिस्तान में होती है l ऊंट के विषय में तो सभी जानते हैं कि ऊंट रेगिस्तान का जहाज कहलाता है l …………………..

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

AYURVEDA / आयुर्वेद

  आयुर्वेद भारतीय उपमहाद्वीप में ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रणाली है। आयुर्वेद का सिद्धांत और व्यवहार छद्म वैज्ञानिक है। भ...