शुक्रवार, 11 अक्टूबर 2013

Anemometer / पवंवेग्मापी


आमतौर पर लोगों को यह कहते सुना जाता है कि आज हवा बहुत तेज चल रही है या आज हवा धीरे-धीरे चल रही हिल जब जोरों से आंधी आती है, तो समाचार-पत्रों में या रेडिओ पर खबर आती है कि आंधी का वेग 20 से 25 कि.मी. प्रति घंटा था क्या आप जानते है कि हवा का वेग कैसे मापा जाता है ?
हवा के वेग मापने के यंत्र को पवंवेग्मापी (Anemometer) कहते हैं l इस उपकरण का अविष्कार इंगलैंड के वैज्ञानिक रौबर्ट हुक (Robert Hook) ने सन 1667 में किया था l वायुवेगमापी कई प्रकार के होते हैं l आजकल जिन वायुवेगमापीयों का अधिकतर प्रयोग होता है, उनमें एल्यूमिनियम के कई छोटे-छोटे प्याले एक धुरी पर लगे होते हैं ये प्याले हवा के टकराने से स्वतंत्रापूर्वक घूम सकते है हैं l हवा कि गति जितनी तेज होती है, ये प्याले उतनी ही तेजी से चक्कर लगाने लगते है l निश्चित समय में प्यालों द्वारा लगाए गए चक्करों की संख्या से हवा का वेग मालूम कर लिया जाता है l यह पैमान सीधे ही (Directly) हवा का वेग बताता है l
प्रश्न कौंध रहा होगा तुम्हारे मन में कि हवा का वेग मापने की हमें आवश्यक्ता कब और क्यों हुई ? इसका सीधा सा उत्तर यह है कि जब मनुष्य ने वायुयान में बैठकर ऊपर उड़ना शुरु किया तो हवा के वेग को मापना उसके लिए बहुत आवश्यक हो गया l पहले वह आकाश में गुब्बारे भेज कर वायु का वेग पता लगाता था, लेकिन पवंवेग्मापी यंत्र के आविष्कार के बाद उसकी यह समस्या हल हो गई l आजकल हर वायुयान में पवंवेग्मापी लगा होता है l इसके अतिरिक्त मौसम विज्ञान के अध्ययन में वायु के वेग का ज्ञान बहुत ही उपयोगी सिद्ध हुआ है l इसके आधार पर आने वाले मौसम के विषय में बहुत सी बातों कि भविस्यवानी कि जा सकती है l आज के वैज्ञानिकों ने लगभग 4 या 5 इंच के आकार के वायुवेगमापी यंत्र विकसित कर लिए हैं l ...........

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