घातक एक मानव रहित लड़ाकू
वायु वाहन UCAV है, जिसे भारतीय वायु सेना के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास
संगठन DRDO के वैमानिकी
विकास प्रतिष्ठान ADE द्वारा विकसित किया जा रहा
है । UCAV पर
डिजाइन का काम वैमानिकी विकास एजेंसी ADA द्वारा किया जाना है l
दुनिया जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, युद्ध का तरीका बदल रहा है। अब भारी-भरकम टैंक और जम्बो फाइटर जेट्स का नहीं, छोटे मगर विस्फोटक हथियारों का जमाना है। अनमैन्ड कॉम्बैड एयर वीइकल UCAV यानी लड़ाकू ड्रोन ऐसा ही एक हथियार है। भारत के पास जल्द ही घातक जैसा स्टील्थ ड्रोन होगा। भारतीय वायुसेना IAF के लिए डिफेंस रिसर्च एंड डिवेलपमेंट ऑर्गनाइजेशन DRDO इसे डिवेलप कर रहा है। घातक ड्रोन में मिसाइल, बम व अन्य गाइडेड हथियार रखने की जगह होगी। इसमें टर्बोफैन इंजन लगा है जो इसे 30,000 फीट की ऊंचाई तक ले जा सकता है।
घातक UCAV का टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर SWiFT UAV काफी कुछ अमेरिकी B-2 स्टील्थ बॉम्बर से मिलता-जुलता है। इसका वजन करीब एक टन है। “अपना देश अपने हथियार” सीरीज में आज बात DRDO के घातक ड्रोन की कर रहे है। भारत में ड्रोन कार्यक्रम की शुरुआत 2009 से हुई। तब AURA यानी ऑटोनॉमस अनमैन्ड रिसर्च एयरक्राफ्ट प्रोग्राम शुरू किया गया। प्रोजेक्ट घातक उसी से निकला है। इसका मकसद लड़ाई में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन तैयार करना है। घातक ड्रोन फ्लाइंग विंग डिजाइन पर आधारित है। यानी यह एयरक्राफ्ट अपने ज्यादा ईंधन और हथियार ले जा सकता है।घातक UCAV में बम, मिसाइल और सटीक निर्देशित युद्ध सामग्री ले जाने के लिए आंतरिक हथियार होगा। इसका डिजाइन फ्लाइंग-विंग कॉन्सेप्ट पर
आधारित होगा और इसमें टर्बोफैन इंजन लगा होगा। स्केल्ड
डाउन टेस्टबेड की पहली उड़ान जुलाई 2022 में की गई थी और 2025 में एक पूर्ण पैमाने के प्रोटोटाइप की
उम्मीद है। घातक एक मानव रहित लड़ाकू वायु वाहन UCAV है, जिसे वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान ADE द्वारा विकसित किया
जा रहा है। इसे शुरू में स्वायत्त मानव रहित
अनुसंधान विमान AURA कहा गया था , लेकिन अंततः इसका नाम घातक यूसीएवी रखा गया। 2015 में, रक्षा
मंत्री मनोहर पर्रिकर ने राज्यसभा को सूचित किया कि घातक यूसीएवी को कावेरी आफ्टरबर्निंग टर्बोफैन इंजन के
सूखे संस्करण द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसमें 52 किलोन्यूटन का जोर होगा।
UCAV की उड़ान नियंत्रण प्रणाली और डेटा लिंक पैकेज ADA और रक्षा इलेक्ट्रॉनिक्स अनुप्रयोग प्रयोगशाला द्वारा आंतरिक रूप से विकसित किए जाएंगे। घातक UCAV को सार्वजनिक-निजी क्षेत्र की भागीदारी से विकसित किया जाएगा। 2011 में, द इकोनॉमिक टाइम्स को दिया गया साक्षात्कार में, DRDO के मुख्य नियंत्रक, R&D डॉ. प्रह्लाद ने कहा था UCAV में ऑन-बोर्ड मिशन कंप्यूटर, डेटा लिंक, अग्नि नियंत्रण रडार, दोस्त या दुश्मन की पहचान होगी और टक्कर टालने वाली प्रणालियाँ होगी वे अत्यधिक बुद्धिमान ड्रोन होंगे, उन्होंने यह भी कहा कि UCAV 30,000 फीट की ऊँचाई पर उड़ान भरने में सक्षम होगा और 15 टन से कम वजन का होगा, इसमें मिसाइलों के लिए रेल-लॉन्चिंग होगी, बम और पीजीएम ले जाएंगे।
घातक को 2009 AURA कार्यक्रम के उत्तराधिकारी के रूप में शुरू किया गया था। AURA एक अग्रणी कार्यक्रम था जिसे 2009 में 125 मिलियन के बजट के साथ भविष्य के भारतीय UCAV के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करने के लिए स्वीकृत किया गया था।
AURA कार्यक्रम अप्रैल 2013 में पूरा हुआ था। घातक परियोजना को ADA द्वारा भारतीय वायु सेना IAF के परामर्श से शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य फ्लाइंग विंग डिजाइन के आधार पर एक गुप्त UCAV विकसित करना था। फ्लाइंग विंग कॉन्फ़िगरेशन स्वाभाविक रूप से गुप्त है, पारंपरिक यूसीएवी डिज़ाइनों की तुलना में अधिक ईंधन और पेलोड ले जा सकता है, हालांकि इसमें अधिक जटिल उड़ान नियंत्रण सतहें और कानून हैं। DRDO के वैज्ञानिकों के हवाले से टाइम्स नाउ की खबर में बताया गया था कि यह डिजाइन विमान के लिए इष्टतम ईंधन उपयोग और स्थिरता सुनिश्चित करता है। घातक यूसीएवी का वजन एक फाइटर जेट से कम होने का अनुमान है।SWiFT नामक घातक UCAV के एक स्केल्ड डाउन टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर का विकास 2020 में शुरू हुआ। DRDO के अनुसार, SWiFT UAV का उद्देश्य फ्लाइंग विंग कॉन्फ़िगरेशन और उड़ान विशेषताओं को नियंत्रित करने के लिए प्रौद्योगिकियों को विकसित और प्रदर्शित करना है। SWiFT UAV का जमीनी परीक्षण जून 2021 में शुरू हुआ, टैक्सी परीक्षण करते हुए इसकी तस्वीर और वीडियो 29 अक्टूबर 2021 को सामने आए। SWiFT UAV की लंबाई 4 मीटर और पंखों का फैलाव 5 मीटर है। SWiFT UAV का वजन लगभग 1 टन है।
SWiFT UAV ने 1 जुलाई 2022 को अपनी पहली उड़ान भरी थी। DRDO के अनुसार, विमान ने एक सटीक उड़ान का प्रदर्शन किया था SWiFT UAV के लिए उपयोग किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडरकारेज और पूरे उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम को स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
घातक परियोजना से संबंधित प्रौद्योगिकी विकास के अग्रदूत होने के अलावा, SWiFT मानव रहित विंगमैन बॉम्बर कार्यक्रम के तहत अलग परियोजना के रूप में भी आगे बढ़ सकता है।घातक ड्रोन तेज
रफ्तार में अच्छा-खासा पेलोड कैरी कर सकता है। यह अपने टारगेट्स को ऑटोमेटिकली
निशाना बना सकता है। इसमें इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सेंसर्स और AESA रडार लगा है। यह देखने में चगगादड़ जैसा लगता है। घातक के स्केल्ड डाउन
टेस्टबेड की पहली फ्लाइट पिछले साल जुलाई में हुई थी। इसका फुल स्केल प्रोटोटाइप
2025 तक तैयार हो सकता है। ड्रोन कार्यक्रम के तहत, भारत रुस्तम-2 नाम का एक UAV पहले
से ही बना रहा है। रुस्तम-2 को लगातार 18 घंटे तक उड़ाया जा सकता है। यह 30,000 फीट की ऊंचाई
तक जा सकता है। DRDO ने जुलाई 2022 में
SWiFT (Stealth Wing Flying Testbed) UAV का टेस्ट किया था।
यह UCAV के टेक्नोलॉजी डिमॉन्ट्रेटर के रूप में विकसित
किया गया है। SWiFT और अमेरिकी B-2
बॉम्बर एक जैसे नजर आते हैं। करीब 1 टन वजनी SWiFT में रूस
में बना एक छोटा टर्बोफैन इंजन लगा है। भारत को ऐसे जेट-पावर्ड ड्रोन्स से
सुरक्षा पंक्ति को मजबूत बनाने में खासी मदद मिलेगी। ये मौजूदा ड्रोन्स से कहीं
ज्यादा तेज रफ्तार से उड़ते हैं और ज्यादा हथियार ले जा सकते हैं। इनमें ऐडवांस्ड
सेंसर्स लगे हैं। घातक जैसे UCAV का इस्तेमाल
ऐंटी-एयरक्राफ्ट गन्स और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से दुश्मन के
इलाके में हमले करने के लिए किया जा सकता है।
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