पहाड़ों की चट्टानों से गिरने वाले नदी या
नालों को जलप्रपात कहा जाता है l यदि गिरने वाला पानी एक बहुत बड़ी धरा के रूप में
काफी ऊंचाई से गिरता है, तो उसे महाजलप्रपात (Catarc) कहते हैं l यदि गिरने वाले
पानी कि धरा पतली होती है तो उसे जलप्रपात (Cascade) कहा जाता है l कभी-कभी पानी
कि बहुत बड़ी धाराएं पहाडों के ढलानों से गुजरती हैं l ये भी एक तरह के जलप्रपात
हैं l जलप्रपात बनने के लिए पानी का कठोर बड़ी चट्टानों के क्षेत्र पर बहना आवश्यक
है l कठोर चट्टानों के बाद जमीन का ऐसा भाग होना चाहिए जिसे पानी आसानी से काट-सके
l कहीं-कहीं प्राकृतिक परिवर्तनों के कारण नदी का बहाव क्षेत्र ऊपर उठ जाता है और
इस ऊंचे स्थल से पानी निचे गिरने लगता है l यह भी हो सकता है कि भूस्खलन (Land
slide) के कारण नदी का प्रवाह मार्ग पूरी तरह रूक जाता है l पानी इक्टठा होकर
प्रपात के रूप में निकलने लगता है l
विश्व के अनेक पर्वतों पर विभिन्न प्रकार के गिरते हुए जलप्रपात देखने
को मिलते हैं l इनमें से कुछ अपनी ऊंचाईयों के लिए तथा कुछ अपनी चौड़ाई के लिए
प्रसिद्ध हैं l कुछ जलप्रपात पानी कि अधिक मात्रा के लिए भी प्रसिद्ध हैं l
संसार का सबसे ऊँचा जलप्रपात ऊतरी अमेरिका
में बेनेजुएला (Venezuela) का एन्जल (Angel) जलप्रपात है l इसका पानी 3300 फुट कि
ऊंचाई से गिरता है l इस जलप्रपात का पता 1935 में अमेरिका के विमान चालक जिमी
एन्जल (Jimmy Angel) ने लगाया था l उन्हीं के नाम पर इसका नाम एन्जल जलप्रपात पड़ा
l
एशिया का सबसे लंबा जलप्रपात जसौपा (Gersoppa) प्रपात है जो भारत में
है l नियागरा जलप्रपात भी कई दृष्टियों से विश्वविख्यात है l नुयायकॅ से 25 कि.मी.
दूर ऊतर पश्चिम में स्थित नियागरा का यह जलप्रपात दो हिस्सों में बंटा है l इसका
एक हिस्सा अमेरिका के पास है और दूसरा हिस्सा कनाडा के पास है l दोनों देशों के
बिच अंतराष्ट्रीय सीमा रेखा का पैसला यही जलप्रपात करता है l
एक ही धारा में गिरने वाला संसार का सबसे
ऊंचा जलप्रपात केलीफोनिॅया का रिबन (Ribbon) जलप्रपात है l इसकी पतली धारा (1612)
फुट कि ऊंचाई से नदी में गिरती है l विश्व का सबसे चौड़ा जलप्रपात खोनी (Khoni)
प्रपात है , जिसकी ऊंचाई लगभग 11 कि.मी. है l
कुछ जलप्रपात हमारे लिए बहुत उप्योंगी सिद्ध
हुए हैं l इनके गिरते हुए पानी कि सहायता से बिजली पैदा कि जाती है , जो हमारे
अनेकों प्रकार से काम में आती है l .............
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