पुस्तकालय (Library) उस स्थान को कहते
हैं, जहां विभिन्न विषयों की अनेक पुस्तकों को अध्ययन के लिए निश्चित क्रम में रखा
जाता है l लायब्रेरी शब्द कि उत्पति लैटिन भाषा के शब्द लाइवर (Liber) से हुई है ,
जिसका अर्थ ‘ किताब ’ है l
असीरिया और बेशिलोनिया में पुस्तकालय की
शुरुआत ईसा से लगभग 2000 वर्ष पूर्ब ही हो गई थी l ईसा से 600 वर्ष पूर्ब,
मेसोपोटामिया के लोग चिकनी मिट्टी के टुकड़ों पर नुकीली छड़ों से जो कुछ लिखा करते
थे, उसे वे आग में पकाकर मंदिरों और महलों में पुस्तकालय के रूप में सुरक्षित रखा
करते थे l यही मिट्टी के टुकड़े उन दिनों कि लायब्रेरी अलेग्जेन्डिया (ईजिप्त) में
ईसा से 300 वर्ष पूर्ब बनाई गई थी l इस लायब्रेरी में पेपरस नामक कागज के सात लाख
रोल थे l ये रोल 120 भागों में एक आधुनिक पुस्तकालय कि भांति व्यवस्थित थे l
जनता के लिए पुस्तकालय बनाने का काम सबसे
पहले रोम में जुलियस सीज़र ने शुरु किया l रोम के धनि लोगों ने इस प्रकार के
पुस्तकालय के निर्माण में बहुत बड़ा सहयोग दिया l चौथी शताव्दी में रोम में इस
प्रकार के 28 पुस्तकालय थे l
ईसाई धर्म के शुरु होने के बाद हर चर्च में पुस्तकालय
बनाए जाने लगे l इसके बाद विश्वविधालयों में भी पुस्तकालय बनाए गए l फ्रांस, इटली
और जर्मनी के विश्वविधालय में तो महंगी किताबों को जंजीरों से बांध कर रखा जाता था
l भारत में भी नालंदा और तक्षशिला के विश्वविधालयों में विभिन्न पुस्तकों का बहुत
बड़ा संग्रह था l
सन 1400 के आसपास ऑक्सफोर्ड विश्वविधालय ने
अपना पुस्तकालय बनाना शुरु किया l इसका नाम बौडलियान है l आप विश्वविधालयों में यह
विश्व का सबसे बड़ा पुस्तकालय है l इस प्रकार सारे संसार में पुस्तकालय विकसित करने
का शौक दिन प्रतिदिन दढता ही चला गया l
आज के आधुनिक संसार में अनेकों प्रकार के पुस्तकालय
हैं l बड़े-बड़े शहरों में जनता के लिए पुस्तकालय बन गए हैं l हर विश्वविधालय, कॉलिज
और स्कूल की अपनी लाइब्रेरी है l यहां तक कि लोग अपने निजी पुस्तकालय बनाने लगे
हैं l
आज विश्व में दो महान पुस्तकालय हैं l एक है
रोम का बेटिकन पुस्तकालय और दूसरा है वाशिगटन का लाइब्रेरी आफ़ कांग्रेस l वाशिगटन
का यह पुस्तकालय 24 अप्रैल 1800 को शुरु हुआ था l इस लाइब्रेरी में साढ़े तीन करोड़
पुस्तकें, पांडुलिपियां और चित्र हैं, जिनमें से एक करोड़ से अधिक पुस्तकें हैं l
जिन आलमारियों में पुस्तकें रखी जाती हैं यदि उन सबको एक पंक्ति में रख दिया जाये,
तो उनकी लम्बाई 327 मील बैटेगी l मास्को कि लेनिन लाइब्रेरी में भी दो करोड़
पुस्तकें बताई जाती हैं l ................
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें